बेगूसराय ( बिहार) : समचे बिहार की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों राम भरोसे चल रही है। गौरतलब है कि पिछले लगभग एक महीने से सूबे के एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर हैं। जिसके कारण जहां समय रहते समुचित इलाज हेतु अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण मरीज रास्ते में हीं दम तोड़ देते हैं, वहीं निजी वाहनों का सहारा लेने वाले मरीजों के परिजनों निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक मुंहमांगे भाड़ा अदा कर दोहरे दोहन का शिकार हो रहे हैं।
विगत मंगलवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय बेगूसराय पहुंचे थे। जहां उन्होंने दुनियादारी की बातों को छोड़कर एम्बुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल के बारे में पुछे जाने के बाद भी एक शब्द तक नहीं कहा। आपातकालीन स्थिति में ईलाज करवाने वाले लोगों के समक्ष विकट स्थिति तो है हीं, खासकर दूर दराज एवं देहात इलाके के प्रसव पीड़ित महिलाओं के लिए गंभीर समस्या है ।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड में दियारा इलाके से ई-रिक्शा के सहारे समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बछवाड़ा ईलाज करवाने आ रही एक महिला को रास्ते में हीं प्रसव हो गया। गनीमत यह थी कि प्रसव पीड़ा से बेहाल उक्त महिला को रास्ते के बगल के खेत में काम करने वाली महिलाओं नें अपने कपड़े से पर्दा कर प्रसव कराने में सहयोग किया। अगर एम्बुलेंस सेवा बहाल होती तो ऐसी स्थिति नहीं उत्पन्न होती।