Electric Vehicle Policy 2.0 : दिल्ली सरकार नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी लागू करने की तैयारी में है। इस पॉलिसी का उद्देश्य EV को प्रोमोट करना है, ताकि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पा सके। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 20 दिसंबर 2025 को इस नई नीति से जुड़ी अहम जानकारियां साझा की। इस संबंध में संकेत दिए कि सरकार इसे पर्यावरण सुधार की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देख रही है।
EV पॉलिसी 2.0
दिल्ली EV पॉलिसी 2.0 में सरकार का फोकस तीन प्रमुख क्षेत्रों पर रहेगा। पहला, इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी। वहीं दूसरा, पुराने वाहनों को हटाने के लिए स्क्रैपेज योजना और तीसरा, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विस्तार करना है। सरकार पेट्रोल और डीजल वाहनों तथा इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बीच कीमत के अंतर को कम करने के लिए सब्सिडी देने की योजना पर काम कर रही है। हालांकि सब्सिडी की अंतिम राशि और ढांचा अभी तय नहीं किया गया है। लेकिन सरकार का दावा है कि EV की ऊंची कीमत आम लोगों के लिए बाधा नहीं बनेगी।
इन वाहन मालिकों को मिलेगा प्रोत्साहन
इस नई पॉलिसी में वाहन स्क्रैपेज योजना को भी अहम हिस्सा बनाया गया है। इसके तहत पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोल-डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराकर नई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदता है तो उसे आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे प्रदूषण कम होने के साथ साथ सड़कों पर पुराने वाहनों की संख्या भी घटेगी।
EV पॉलिसी में बैटरी रीसाइक्लिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरियों की औसत उम्र करीब आठ साल होती है। वहीं इसको लेकर कई चुनौतियां हैं। इसे देखते हुए ड्राफ्ट में एक संगठित बैटरी रीसाइक्लिंग चेन विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह दिल्ली में पहली बार लागू होगी।
5000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन
इसके अलावा सरकार ने साल 2030 तक करीब 5000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है। हर स्टेशन पर 4 से 5 चार्जिंग प्वॉइंट होंगे। ये स्टेशन मार्केट कॉम्पलेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग, सरकारी इमारतों और दफ्तरों के पास बनाए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में लोगों को सुविधा मिलेगी और राजधानी की हवा को साफ करने में मदद मिलेगी।

