आखिर RAC के आधी सीट के Railway क्यों लेता है पूरे पैसे? यहां समझिए पूरा खेल…..

What Does RAC Mean : भारतीय रेलवे यात्रा का सबसे आरामदायक साधन माना जाता है। इससे प्रतिदिन 2.5 करोड़ से अधिक लोग यात्रा करते हैं। यही कारण है कि ट्रेन में कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है।

ऐसे में अगर आपका टिकट RAC है तो आपके लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। दरअसल, कई बार जब टिकट बुक किया जाता है तो उस पर आरएसी लिखा होता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आपको आरएसी में सीट मिलती है या नहीं या किस तरह की सीट मिलती है? आइए आरएसी से जुड़े सभी नियमों को विस्तार से जानते हैं।

RAC क्या है?

आरएसी का पूरा नाम रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी का टिकट कैंसिल हो जाता है तो आपको पूरी सीट मिलेगी, लेकिन तब तक आपको सिर्फ बैठने के लिए ही सीट मिलेगी। आपको बता दें कि आरएसी होने पर एक सीट पर 2 यात्रियों को बैठना होता है।

अगर आपके पास आरएसी स्टेटस है तो आपको स्लीपर सीट नहीं मिलती है। यदि एक व्यक्ति दो लोगों के लिए सीट मिलने पर अपना आरक्षण रद्द कराता है तो दूसरे यात्री को पूरी सीट मिल जाती है।

आपको बता दें कि अब स्लीपर क्लास के सभी कोचों में केवल साइड लोअर सीटें दी गई हैं। इसकी 7 सीटें आरएसी के लिए आरक्षित की गई हैं। इन पर कुल 14 यात्री सफर कर सकते हैं। आपको बता दें कि साइड लोअर की 2 सीटों पर 2 लोग बैठ सकते हैं। वहीं किसी यात्री का टिकट कैंसल होने पर वो पूरी सीट आपको मिल जायेगी।

थ्री-टियर एसी और टू-टियर क्लास में आरएसी सीट

थ्री-टियर एसी क्लास की बात करें तो इसमें आरएससी सीटों की संख्या 4 है, जिस पर 8 यात्री यात्रा कर सकते हैं। टू-टियर एसी क्लास की बात करें तो इसमें आरएसी के लिए 3 बर्थ आरक्षित हैं, जिन पर 6 यात्री यात्रा कर सकते हैं।