Thursday, July 25, 2024
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सावधान! चेक बाउंस होने पर जाना पड़ सकता है जेल, जान लें क्या हैं नियम….

डेस्क : आजकल कैश का इस्तेमाल कम और चेक और इंटरनेट बैंकिंग का ज्यादा इस्तेमाल होता है। ऐसे में ज्यादातर स्कूल फीस या प्रॉपर्टी लेनदेन का भुगतान चेक के माध्यम से किया जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि चेक से भुगतान करने के बाद खाते में पैसे न होने के कारण चेक बाउंस हो जाता है। अब सवाल उठता है कि ऐसे में बैंक का प्रावधान क्या है। तो इसके लिए बैंक ने इसे बनाया है। इसके तहत चेक बाउंस होने पर सजा हो सकती है। आइये इसके बारे में जानें।

चेक बाउंस होना अपराध माना जाता है. अगर चेक बाउंस हो जाता है तो इसके लिए सजा का भी प्रावधान है। न सिर्फ सजा बल्कि जुर्माना भी देना होगा। यदि कोई चेक बाउंस हो जाता है तो जिसने चेक दिया है उसे दोषी माना जाता है। यानी अगर किसी दूसरे ने आपको चेक दिया है और वह बाउंस हो गया है तो वह दोषी होगा।

यदि चेक बाउंस हो जाता है तो उस व्यक्ति को कानूनी नोटिस भेजा जाएगा। इसका जवाब व्यक्ति को 15 दिन के अंदर देना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। इस एक्ट की धारा 148 के तहत चेक बाउंस का मामला भी दर्ज किया जा सकता है। यह एक दंडनीय अपराध है। इसमें दोषी को 2 साल तक की जेल हो सकती है।

इतना ही नहीं चेक बाउंस होने पर 800 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। चेक बाउंस होने पर जुर्माने के अलावा जुर्माना भी लगाया जाता है। यह चेक पर लिखी रकम से दोगुनी हो सकती है। हालाँकि, ऐसा तभी होता है जब चेक बैंक द्वारा अनादरित हो जाता है। चेक बाउंस होने पर ग्राहक के भी कुछ अधिकार होते हैं।

अगर चेक बाउंस होने पर सजा 7 साल से कम है तो यह जमानती अपराध है। इसमें अंतिम फैसला आने तक जेल नहीं होती। अगर इस मामले में किसी को सजा होती है तो वह दंड प्रक्रिया संहिता 389(3) के तहत ट्रायल कोर्ट में आवेदन कर सकता है।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।