देश : UCC विधेयक काफी चर्चा में रहे हैं। इसी बीच, समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया गया। यूसीसी बिल के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बिल पेश किया।
मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने ”भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे भी लगाये। राज्य मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार कर लिया और इसे विधेयक के रूप में सदन में पेश करने की मंजूरी दे दी। जानिए इस बिल के पास होने के बाद क्या बदल जाएगा।
बिल लागू होने के बाद क्या बदलेगा?
- यूसीसी के तहत सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
- महिलाओं और पुरुषों को तलाक संबंधित बराबर अधिकार रहेगा।
- लिव इन रिलेशनशिप का ऐलान करना जरूरी है।
- लिव-इन रजिस्ट्रेशन न कराने पर 6 महीने की सजा होगी।
- लिव-इन विवाह में जन्मे बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार होता है।
- किसी महिला के लिए पुनर्विवाह की कोई शर्त नहीं है।
- अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर हैं।
- बहुविवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह नहीं किया जा सकेगा।
- पंजीकरण सुविधा के बिना विवाह का पंजीकरण आवश्यक नहीं है।
- लड़कियों को विरासत में समान अधिकार मिलेगा।
UCC लागू होने पर क्या होगा?
- हर धर्म में शादी और तलाक के लिए एक जैसे कानून होंगे।
- जो कानून हिंदुओं के लिए हैं वो दूसरों के लिए भी हैं।
- बिना तलाक के आप एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे।
- मुसलमानों को चार शादियाँ करने की इजाज़त नहीं होगी।
यूसीसी से क्या नहीं बदलेगा?
धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
धार्मिक रीति-रिवाजों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसके बाद ऐसा बिल्कुल नहीं है कि शादी किसी भी धर्म में किसी अन्य तरीके से होगी, बल्कि अपने धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से ही होगी। खान-पान, पूजा-पाठ और पहनावे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।