क्या आप जानते हैं ‘पिस्टल और रिवॉल्वर’ के बीच का अंतर? आज यहां जान लीजिए…

डेस्क : आपने कई फिल्मों में या फिर पुलिसवालों को कमर में बंदूक लटकाए हुए देखा होगा। इस बंदूक को देखकर आपके दिमाग में सबसे पहला नाम पिस्तौल या रिवॉल्वर का आता है। दरअसल, लोग अपनी सुविधा के अनुसार सभी हैंडगन को पिस्टल या रिवॉल्वर कहते हैं। लेकिन इसका मतलब अलग-अलग होता है। इस बात को लेकर कई लोग कंफ्यूज रहते हैं तो आइए आज इन दोनों के बीच के अंतर को विस्तार से जानते हैं।

रिवॉल्वर किसे कहते हैं

रिवॉल्वर एक प्रकार की बंदूक है। इस हैंडगन में गोलियाँ घूमते सिलेंडर में रखी जाती हैं। इसमें कुल 6 टैबलेट डाली जा सकती हैं। इससे फायर करने पर हथौड़े जैसी कोई वस्तु गोली को पीछे की ओर से आगे बढ़ाती है। गोली चलने के बाद सिलेंडर अपने आप घूम जाता है और दूसरी गोली सामने आ जाती है। गोलियां ख़त्म होने के बाद रिवॉल्वर से सिलेंडर निकाल लिया जाता है और उसमें गोलियां भर दी जाती हैं।

पिस्तौल किसे कहते हैं

इसमें अधिकतम 20 टेबलेट भरी जा सकती हैं। इसकी रेंज भी 50 से 100 मीटर तक होती है। ये स्वचालित और अर्ध-स्वचालित दोनों प्रकार के होते हैं। जिस प्रकार कोई भी चीज़ समय-समय पर अपग्रेड होती रहती है और उसका बेहतर वर्जन आता रहता है। इसी तरह, पिस्तौल हैंडगन का उन्नत संस्करण है। इसमें घूमने वाले सिलेंडर में गोलियां नहीं डालनी पड़ती, बल्कि पिस्तौल में एक मैगजीन लगी होती है।

इस हैंडगन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गोली को स्प्रिंग के जरिए फायर प्वाइंट पर सेट किया जाता है। इससे एक के बाद एक कई फायर किए जा सकते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि यह अपग्रेडेड वर्जन है तो जाहिर सी बात है कि यह रिवॉल्वर से भी ज्यादा तेज गोली मारता है।

इसके अलावा बुलेट को लोड करने में भी समय नहीं लगता है। ऑटोमेटिक पिस्टल में सिर्फ ट्रिगर दबाने से काम हो जाता है। जहां इसके फायदे हैं वहीं इसका सबसे बड़ा नुकसान भी यहीं है, क्योंकि इससे हमेशा दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।