बेगूसराय बीएमपी पट खुलते ही दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, चारों ओर जयकारा

बेगूसराय के बीएमपी 8स्थित दुर्गा मंदिर में शनिवार की रात निशा पूजा के बाद करीब 10 बजे में आम श्रद्धालुओं …

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दुर्गा पूजा को लेकर प्रशासनिक स्तर से तैयारी पूरी।

बेगूसराय। जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने शनिवार को दुर्गा पूजा की तैयारी के मद्देनजर मीडिया कर्मियों को बताया कि जिले …

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बाढ़-बारिश के बीच बिहार में दुर्गा पूजा की धूम, मां की हो रही पूजा-अर्चना

बिहार में बाढ़-बारिश से लोग तबाह हैं। राजधानी पटना के कई इलाके अभी भी जलजमाव से प्रभावित हैं। राजेंद्र नगर …

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शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर मां को करें प्रसन्न, जानें 9 दिनों तक कैसे करें पूजा

इस बार नवरात्र (Navratri 2019) 29 सितम्बर से शुरू हो रहे हैं। सनातन धर्म के मानने वाले नवरात्र के पहले …

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शुरू हो रही नवरात्रि, जानें कब है कलश स्थापना, दुर्गा अष्टमी और दशहरा

शारदीय नवरात्रि नवरात्रि, नवदुर्ग नौ दिनों का उत्सव है, सभी नौ दिन माँ आदि शक्ति के विभिन्न रूपों को समर्पित …

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बखरी शक्ति पीठ दुर्गा मंदिर में साक्षात विराजते हैं मां

बखरी नगर परिषद में मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए काफी प्रसिद्ध है ।इसे शक्तिपीठ का दर्जा भी प्राप्त …

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प्रथम शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध है बेगूसराय लखनपुर दुर्गा माता का मंदिर।

बेगूसराय । बेगूसराय जिला का प्रथम शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है ,लखनपुर वाली दुर्गा माता का भव्य मंदिर। यहां …

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बेगूसराय का माँ घटकिण्डी दुर्गा मंदिर आस्था का चमत्कारी धाम।

बेगूसराय । मां घट किण्डी दुर्गा मंदिर एक जागृत स्थल है। मां गंगा की पवित्र धरती के किनारे शमशान भूमि पर यह मंदिर है । खतियान में काली स्थान दर्ज है। यहां पहुंचने के लिए बरौनी जंक्शन से सड़क मार्ग द्वारा पश्चिम दक्षिण की दिशा में 3 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है तथा बरौनी फ्लैग रेलवे स्टेशन से दक्षिण पूरब की दिशा में एक किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है ।विविध संप्रदाय के उपासको को मनोवांछित फल देने वाली मां दुर्गा अपने अलौकिक स्वरूप में नित्य विराजमान यहां रहती हैं। यहां पर संकल्प मात्र से भक्त श्रद्धालुओं को सिद्धि प्राप्त होती है ।शारदीय नवरात्र में मां का साकार स्वरूप की पूजा होती है, और बाद में सालों भर निराकार रूप से पिंडी की पूजा आरती की जाती है ।नवरात्र के दिनों में सप्तमी तिथि को श्रृंगार और प्राण प्रतिष्ठा ,अष्टमी की तिथि को तांत्रिक एवं वैदिक दोनों प्रकार की पूजा किया जाता है ।
जिसे महानिशा पूजा करते हैं। यहां पर की गई पूजा अर्चना कभी बेकार भक्तों की नहीं जाती है। इसश मंदिर में रोज हजारों लोग माथा टेकने यहां पर आते हैं और मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। नवमी तिथि की सुबह से ही छागल की बलि तथा रात्रि में महिष की बलि दी जाती है ।
यहां दशमी तिथि को ही हवन एवं विसर्जन का प्रावधान है।
यह मंदिर बिहार राज्य के बेगूसराय जिला में बरौनी गांव में स्थित है ।जिसकी स्थापना 24 सितंबर 1793 में परम तेजस्वी विद्वान पंडित शिव शरण उर्फ शिव प्रसाद पाठक जी के द्वारा की गई ।जो उस समय मंदिर मिट्टी का बना था ।मंदिर स्थापना के 25 साल बाद भयानक बाढ़ यहाँ पर आई ।जिसमें मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया ।अंग्रेज सिपहसलार की मुराद पूरा होने पर पुनः मंदिर का जनाधार अंग्रेज लॉर्ड मेना साहेब के आदेशानुसार 22 अक्टूबर 1817 ई० को पुजारी पंडित बाबू पाठक जी के द्वारा किया गया ।उस समय खपरैल पक्की की दीवारों वाली मंदिर बनवाई गई थी ।
15 जुलाई 1971 को मंदिर से पूरब और पश्चिम बांध में सटाकर दुर्गा स्थान ,व धर्मशाला का निर्माण जनहित वास्ते रामस्वरूप सिंह भगत जी के द्वारा मंदिर की आय से करवाया गया है । जो पक्के का है और मंदिर से उत्तर खपरैल के दो कमरों का धर्मशाला और शौचालय भी है।

इस दुर्गा मंदिर स्वर्गीय नीरज पाठक के पुत्र सुरेन्द्र पाठक और पुजारी बंसज देवेंद्र पाठक मिलकर पूजा प्रतिदिन यहां करते हैं।

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शारदीय नवरात्र 2019 : नवरात्र में हाथी पर आएंगी मां दुर्गा ,मुर्गे पर करेंगे प्रस्थान।

ज्योतिष शास्त्र में मां दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान के वाहन से ही अगले वर्ष के अच्छे बुरे फल का …

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