बखरी शक्ति पीठ दुर्गा मंदिर में साक्षात विराजते हैं मां

बखरी नगर परिषद में मां दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए काफी प्रसिद्ध है ।इसे शक्तिपीठ का दर्जा भी प्राप्त है । माना जाता है कि यहां मां का साक्षात निवास है।

16 वीं सदी से शक्तिपीठ बखरी में होती है मां की पूजा।

मां की यहां साक्षात उपस्थिति के कई किस्से लोगों के बीच मौजूद है ।जो भक्तों में देवी की आस्था को और मजबूत बनाते हैं।

समस्तीपुर और खगड़िया जिला की ओर से आने वाले श्रद्धालु ट्रेन द्वारा बखरी सलोना रेलवे स्टेशन पर उतरकर पैदल अथवा ई-रिक्शा से आसानी से दुर्गा मंदिर पहुंच सकते हैं ।वहीं बेगूसराय मुख्यालय होकर आने वाले इच्छुक श्रद्धालु बस के माध्यम से या निजी वाहन से बखरी पहुंचकर बखरी बाजार मध्य स्थित सिद्ध शक्ति पीठ दुर्गा मंदिर में माता का दर्शन कर पूजा अर्चना कर सकते हैं।

पूजा का इतिहास

बखरी बाजार मध्य में स्थित शक्ति की देवी मां भगवती की पूजा कि वर्षों पुराना इतिहास है। माना जाता है कि यहां 16 वीं शताब्दी से ही मां की पूजा की जाती है । पुरानी दुर्गा मंदिर बखरी पूजा कमेटी के संयोजक सिप्पू सिंह और अशोक सिंह बताते हैं कि मुगल सम्राट अकबर के साम्राज्य विस्तार के क्रम में मध्य प्रदेश के राजा भोज के वंशज धार नगर के राजा थान सह राजा मान बखरी आए ।

उन्होंने अपने साथ मां की अष्ट धातु के स्वर्ण की मूर्ति भी साथ में लाए और यहां स्थापित किया । तब से यहां मां की पूजा होती है । प्रारंभ में मिट्टी बाद में ईट खपरैल का मंदिर आज अपने आधुनिक रूप में मंदिर बना है । फिर भी इसकी भव्यता और उसके पौराणिक विशेषता से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है ।यह मंदिर बखरी बाजार के मध्य में स्थित है ।

इसके अलावा 1978 में गोढियारी के रेलवे गुमती के निकट सार्वजनिक नव दुर्गां मंदिर एवं 1991 में अंबेडकर चौक के निकट तीसरा वैष्णवी दुर्गा मंदिर की आधारशिला रखी गई ।

यह दोनों मंदिर भी अपनी भव्यता के लिए बखरी बाजार में प्रसिद्ध है।

पूजा की विशेषता

यूं तो हर वर्ष 10 दिनों तक मेले की धूम यहां पर रहती है । परंतु अष्टमी ,नवमी एवं दसवीं का खास महत्त्व है । अष्टमी को निशा वली की परंपरा है ।पुरानी दुर्गा मंदिर एवं सार्वजनिक नव दुर्गा मंदिर में उस दिन काले बकरे की बलि दी जाती है। फुलाहास के बाद मां का पट खुलता है ।

अगले दिन नवमी को इन दोनों मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में छागड़ों की बलि मां को प्रदान की जाती है । जबकि अंबेडकर चौक बखरी के निकट वैष्णवी दुर्गा मंदिर में नारियल का फल चढ़ाकर भक्त श्रद्धालु मां की पूजा अर्चना करते हैं ।

यहां का रावण वध आकर्षक एवं दर्शनीय होता है