बेगूसराय की बेटी मेनका मल्लिक को मिलेगा ‘साहित्य अकादमी अनुवाद का अवार्ड….

Begusarai’s Poetess Maneka Mallik : दिनकर की मिट्टी में जन्में में बेगूसराय की कवयित्री, कथाकार, सम्पादक एवं रंगकर्मी मेनका मल्लिक (Maneka Mallik) को साल 2023 का “साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार” देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार मेनका मल्लिक को नेपाली भाषा का उपन्यास “नीलकण्ठ” का मैथिली अनुवाद के लिए दिया जाएगा। यह किताब वर्ष 2021 में साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुई थी।

11 किताबों में सर्वश्रेष्ठ अनुवाद में ऐसे हुआ चयन

मालूम हो की “साहित्य अकादमी पुरस्कार” के लिए साल 2017-2021 के बीच देशभर की भाषाओं से मैथिली में अनुदित किताबों में अंतिम रूप से चयनित 11 किताबों में सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के रूप में सर्वसम्मति से नीलकण्ठ (नेपाली भाषा का उपन्यास) का चयन किया गया है।

नीलकंठ उपन्यास क्या है?

आपको बता दे की नीलकंठ नेपाली भाषा का एक सामाजिक उपन्यास है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार संवेदनशील व्यक्ति दूसरों के दुख के सामने अपना दुख भूल जाता है। खुद कष्ट सहता रहता है। दूसरों को मदद करते रहने के कारण कथा नायक अपने परिवार से लेकर समाज तक की कटुता भोगता रहता है, पर अपने विचार और व्यवहार से स्खलित नहीं होता है। आंतरिक और बाह्य संघर्षों का अद्भुत समायोजन इस उपन्यास में देखने को मिलता है। औरों के दुख के साथ अपने दुखों को पीकर “नीलकण्ठ” बने व्यक्ति के जय-पराजय की कहानी, इस उपन्यास की विशिष्टता है।

अबतक कितनी किताबें लिख चुकी है मेनका

बेगूसराय की मेनका (Maneka Mallik) कवयित्री, कथाकार, अनुवादक, संपादक भी रंगकर्मी हैं, जिन्हें हिन्दी, मैथिली एवं नेपाली भाषा पर समानांतर पकड़ है। मैथिली में इनकी अबतक 6 पुस्तकें प्रकाशित हुई है, जिनमें 4 अनुवाद की पुस्तकें सम्मिलित हैं। 3 किताबों का नेपाली से तथा एक किताब डोगरी से मैथिली में अनुवाद की हैं। ‘नीलकण्ठ’ इनके द्वारा नेपाली भाषा से अनुवादित तीसरी किताब है।