Saturday, July 27, 2024
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Indian Railway : बिना इंटरनेट कैसे बुक होता था ट्रेन टिकट? जानें – यात्री कैसे करते थे सफर….

Indian Railway : भारतीय रेलवे (Indian Railway) आज के समय में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बन चुका है. जहां से हर रोज करोड़ों लोग सफर करते हैं और उन करोड़ों लोगों को सफल करने के लिए रेलवे द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार पहले टिकट बुक करवाना होता है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आज के समय में ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से लोग टिकट बुक कर ले रहे हैं. लेकिन इससे पहले लोग कैसे टिकट बुक करते थे सफर शुरू करने के लिए? अगर आपको भी इस बारे में जानकारी नहीं है तो आइए आज जानते हैं..

दरअसल, अगर आप पहले के समय में टिकट बुकिंग की सुविधा को देखें तो यह पता चलता है कि आज से लगभग 38 साल पहले 20 फरवरी 1986 में ऑनलाइन टिकट (Online Ticket) यानी कंप्यूटराइज टिकट की सुविधा शुरू की गई थी. लेकिन लोगों के मन में यही सवाल बार-बार उठ रहा होगा कि इससे पहले लोग कैसे टिकट बुक करते थे? तो आईए जानते हैं..

पहले कैसे बुक होता था टिकट

बता दें कि, कंप्यूटराइज टिकट बुक (Computerized Ticket Book) करने की सुविधा शुरू होने से पहले लोगों को मैन्युअल टिकट बुकिंग प्रोसेस (Manual Ticket Booking Process) से होकर गुजरना होता था. इसका मतलब है कि रेलवे टिकट बुक करने की सुविधा टिकट विंडो के माध्यम से शुरू की थी, जिसके लिए लोगों को लाइन में खड़े होकर विंडो के माध्यम से टिकट प्राप्त होता था.

ये होता था प्रोसेस

वहीं विंडो माध्यम से टिकट बुक करने के बाद ट्रेन में कितनी सीट खाली है उसके लिए एक चार्ट तैयार किया जाता था. हालांकि, उस दौरान के टिकट को अगर आप देख तो एक दफ्ती की तरह टिकट होता था जिस पर अधिकृत मुहर लगाया जाता था. लेकिन आज के समय में लोगों को टिकट एक पेपर की तरह और ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक करने वाले को ई-टिकट पेपर दिया जा रहा है. इसके अलावा आज के समय में लोगों को टिकट पर नाम दिया जा रहा है. जबकि उस दौरान टिकट पर लोगों का नाम नहीं हुआ करता था.

Vivek Yadav

विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. thebegusarai में विवेक बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं. इससे पहले 'एमपी तेजखबर' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. विवेक ऑटो, टेक, बिजनेस, नॉलेज जैसे सेक्शन में लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है। काम के अलावा विवेक को किताबें पढ़ना, लिखना और नई जानकारी जुटना काफी अच्छा लगता है।