Tarique Rahman dhaka returns

Tarique Rahman dhaka returns: 17 साल बाद वतन लौटे खालिदा जिया के बेटे, क्या बनेंगे अगले पीएम?

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Tarique Rahman dhaka returns: बांग्लादेश में तमाम आक्रोश और हिंसा के बीच तारीक रहमान देश लौटे हैं. इसे इन हालातों के बीच एक बड़ा सियासी घटनाक्रम बताया जा रहा है. गुरुवार को पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के नेता तारिक रहमान अपनी पत्नी और बेटी के साथ बांग्लादेश लौटे हैं. तारिक की करीब 17 साल बाद वतन वापसी हुई है.

Tarique Rahman dhaka returns: 17 साल बाद लौटे वतन

गुरुवार को तारिक लगभग साढ़े 11 बजे तारीक ढ़ाका एयरपोर्ट पर उतरे. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(बीएनपी) के नेता तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे थे. अब ढ़ाका लौट आने के बाद कई सियासी अटकलें लगाई जा रही है. बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले चुनाव के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक चेहरे के रुप में पार्टी और लोग तारिक को देख रहे हैं.

रहमान चुनाव के लिए सबसे प्रभावी चेहरा बताए जा रहे हैं. चुनाव से पहले ढ़ाका लौटना का एलान उन्होंने पहले ही किया था और फरवरी में होने वाले चुनाव का जिक्र करते हुए कहा था कि यह एक ऐसा चुनाव है जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं. मैं इससे खुद को दूर नहीं रख सकता, मैं ढ़ाका आ रहा हूं. फिलहाल तारिक की मां खालिदा जिया बीमार हैं और ढ़ाका के ही अस्पताल में भर्ती हैं.

Tarique Rahman dhaka returns: कई गंभीर आरोपों से घिरे

रहमान 60 साल के हैं और कई गंभीर आरोपों से घिरे हैं. रहमान को 2007 में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उस समय सेना समर्थित अंतरिम सरकार सत्ता में थी. 2008 में कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की जमानत दी थी जिसके बाद वो वापस नहीं आए. रहमान अपनी मां के सत्ता में रहने के दौरान कई गंभीर आरोपों से घिरे रहे.

तारिक रहमान को अक्तूबर 2018 में शेख हसीना की रैली में हुए ग्रेनेड हमले के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. ये हमला खालिदा जिया की सरकार में 2004 में हुआ था. इसके अलावा भी रहमान पर कई आरोप हैं. बीएनपी हर बार इन इल्जामातों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज करती आई है.

Tarique Rahman dhaka returns: बताया गया डार्क प्रिंस

बांग्लादेश के अखबार ढ़ाका ट्रिब्यून ने मई 2023 में साल 2001-06 के बीच जब बीएनपी सरकार के दौरान रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावोजों और सबूतों के आधार पर तीन भागों की एक सीरीज पब्लिश की थी. इसमें बीएनपी नेताओं और रहमान पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इस सीरीज में रहमान को डार्क प्रिंस बताया गया था.

रिपोर्ट में रहमान पर भ्रष्टाचार और मीडिया को डराने के आरोप लगाए गए थे. 2023 में रहमान को गौर-कानूनी संपत्ति जमा करने के कारण 9 साल जेल की भी सजा सुनाई गई. हालांकि शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद ढ़ाका में आए मोहम्मद युनूस के अंतरिम प्रशासन ने खालिदा जिया और रहमान को कई राहत दी. यूनुस की सरकार बनने पर तारिक को 84 लंबित मामलों में बरी कर दिया गया जिसमें ढ़ाका का 2004 ग्रेनेड हमला, मनी लांड्रिंग, देशद्रोह और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े केस शामिल हैं.

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