सुप्रीम कोर्ट ने SBI को नोटिस जारी किया, कहा- “हमारे आदेश के बाद भी आपने…”

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बाॅन्ड (electoral bond) के अल्फ़ान्यूमेरिक कोड का खुलासा न करने पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को नोटिस जारी किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा, ‘SBI बाॅॅन्ड संख्या का खुलासा नहीं किया है, क्योंकि इसका खुलासा SBI द्वारा किया जाना है। “केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (SG ) तुषार मेहता ने 5 जजों की पीठ से कोई भी फैसला देने से पहले SBI को नोटिस जारी करने का आग्रह किया। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने स्पष्ट किया कि वह SBI का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं।

इस पर संविधान पीठ में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर.गवई, जस्टिस जे.बी.पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कोर्ट की रजिस्ट्री को SBI को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। SBI को सोमवार तक इसका जवाब देना है। सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 15 फरवरी का फैसला एक “समावेशी आदेश” था। इसमें SBI को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण शेयर करने का निर्देश दिया गया था।

संविधान पीठ चुनाव आयोग द्वारा दायर उस आवेदन पर विचार कर रही है, जिसमें चुनावी बाॅॅॅन्ड पर सीलबंद कवर डेटा जारी करने की मांग की गई है। इसे कार्यवाही लंबित रहने के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। अपने आवेदन में, ईसीआई ने कहा कि उसने दस्तावेजों को प्रस्तुत की गई जानकारी की कोई भी प्रति अपने पास रखे बिना सीलबंद कवर/बक्से में भेज दिया। सीलबंद लिफाफे जारी करने का निर्देश देते हुए शीर्ष अदालत ने ईसीआई को 17 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर डिजीटल प्रति अपलोड करने के लिए कहा।