जानें- कौन था अहिरावण? जिसने युद्ध के दौरान कर लिया था राम-लक्ष्मण का अपहरण…..

Who was Ahiravan? रामायण में लंका के राजा रावण के बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है। रामायण न पढ़ने वाले रामानंद सागर द्वारा निर्देशित रामायण धारावाहिक में रावण के बारे में जानने को मिलता है। इससे आपको यह पता चलता है कि रावण के दो भाई कुंभकरण और विभीषण थे.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के दो सौतेले भाई भी थे। इसका उल्लेख रामचरितमानस में है। रावण के दोनों सौतेले भाई का नाम अहिरावण और महिरावण था। आइए आज इनके बारे में जानते हैं।

रावण लंका का राजा था, उसी प्रकार अहिरावण पाताल लोक का राजा था। अहिरावण भी रावण की तरह अधर्मी था, वह अपनी इच्छानुसार अपना रूप भी बदल सकता था। राम जी से युद्ध में जब रावण का पक्ष कमजोर हो गया तो रावण ने अपने समर्थन के लिए अहिरावण को बुलाया।

विभीषण ने रावण और अहिरावण की बातचीत सुन ली और जाकर हनुमान जी को इसकी जानकारी दी। विभीषण की बातें सुनकर हनुमान जी राम और लक्ष्मण की कड़ी निगरानी करने लगे ताकि कोई राम और लक्ष्मण तक न पहुंच सके।

अहिरावण ने षड़यंत्र रचा और रात के समय जब पूरी वानर सेना सो रही थी तब अहिरावण ने विभीषण का रूप धारण किया, जिसके बाद हनुमानजी ने अहिरावण को कुटिया के अंदर जाने की इजाजत दे दी। राम और लक्ष्मण दोनों भाई कुटिया में सो रहे थे तभी अहिरावण उनका अपहरण कर पाताल लोक ले गया। अहिरावण अपनी प्रिय देवी महामाया को राम और लक्ष्मण की बलि देना चाहता था।

इस तरह हनुमान भगवान राम और लक्ष्मण को वापस ले आये

जब हनुमानजी ने राम और लक्ष्मण को कुटिया में नहीं पाया तो वे विभीषण के पास गए और विभीषण ने उन्हें बताया कि अहिरावण ही रूप बदलकर उन दोनों का अपहरण कर पाताल लोक ले गया है। जिसके बाद हनुमान जी ने प्रतिज्ञा ली कि वह भगवान राम और लक्ष्मण को अहिरावण के चंगुल से बचाएंगे, जिसके लिए हनुमान जी पाताल लोक पहुंच गए। जहां उनका सामना अपने पुत्र मकरध्वज से हुआ। अहिरावण का वध करने के बाद श्रीराम ने मकरध्वज को पाताल का राजा घोषित कर दिया।