अगर आपकी सीट पर कोई यात्री जबरदस्ती कब्जा कर ले तो आप क्या करें? जानें- ये नियम…

Railway : रेलवे में हर रोज करोड़ों लोग अपना सफर पूरा करते हैं और इसमें एसी और नॉन एसी कोच में अपनी टिकट बुकिंग करते हैं। इसके अलावा कई लोग हैं जो जनरल कोच में भी सफर करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि स्लीपर कोच में बिना वैलिड टिकट लिए ही लोग घुस जाते हैं और ऐसे में भीड़ बढ़ जाती है।

कई बार तो भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि रिजर्व्ड यात्री अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाता है। इस दौरान उस यात्री द्वारा रिजर्व की गई सीट पर कोई और बैठ जाता है और बोलने के बाद भी वह सीट खाली नहीं करता। ऐसी स्थिति में कई बार लड़ाई झगड़ा भी हो जाता है। लेकिन आज हम आपको दूसरे अन्य तरीके बताने वाले हैं जिससे आप अपनी रिजर्व सीट खाली करवा सकते हैं।

रेलवे के नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे श्रेणी का टिकट लेकर अन्य श्रेणी के कोच में चढ़कर दूसरे व्यक्ति की रिजर्व सीट पर सफर करता है तो उसे RPF की मदद से उतरा जा सकता है। अगर वह उतरने से मना करता है तो उसे पर जुर्माना भी लग सकता है। ट्रेन में अगर आपकी बर्थ पर कोई जबरदस्ती बैठ जाए तो बहस या झगड़ा करने के बजाए आपको सबसे पहले कोच में मौजूद अटेंडेंट या TTE से इसकी शिकायत करनी चाहिए।

इस तरह करें शिकायत

एसी कोच में सफर करने वाले यात्री TTE से इसकी शिकायत कर सकते हैं, अगर वह मौजूद नहीं है तो ट्रेन सुपरीटेंडेंट से इसकी शिकायत करते हैं। इसके अलावा RPF के जवानों से भी उस व्यक्ति को सीट से उठाने के लिए कह सकते है। अगर आप ट्रेन में टीटी, टीएस या आरपीएफ से शिकायत करते हैं तो उनकी जिम्‍मेदारी है कि वे वहीं पर आपकी समस्‍या का समाधान करें।

इन नंबरों पर कर सकते है कॉल

इसके अलावा आप चाहे तो आरपीएफ के कंट्रोल रूम में 182 पर भी कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा रेलवे के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 139 पर भी कॉल करके शिकायत कर सकते हैं।

रेल मदद ऐप के लिए हेल्प

इसके अलावा आप रेलवे के ऑफिशियल ऐप रेल मदद ऐप पर जाकर भी इसकी शिकायत कर सकते है। इसके अलावा आप रेलवे के ट्विटर हैंडल पर भी इसकी शिकायत कर सकते है। जब आप शिकायत कंट्रोल रूम या ट्विटर पर करते हैं तो वहां तैनात कर्मी आपके पीएनआर से ट्रेन की लोकेशन ट्रैक करते हैं। इसके बाद मैसेज आने वाले स्‍टेशन के डिवीजन और जिस डिवीजन से ट्रेन शुरू हुई है, वहां भेजते हैं। वहां से जिस विभाग से संबंधित शिकायत होती है, उसके पास भेजी जाती है।

लगभग 2 घंटे में होगा समाधान

अगर आप ऑनलाइन शिकायत करते हैं तो उस पर 2 घंटे तक कार्रवाई नहीं होती है तो सॉफ्टवेयर से खुद ही शिकायत रेलवे मंत्रालय तक पहुंच जाती है। इसके बाद संबंधित डिवीजन का प्रयास रहता है कि यात्री की समस्या का निवारण समय रहते कर दिया जाए।