जब Rohit Sardana ने एक युवक को “गोदी मीडिया” किसे कहते हैं आसान भाषा में समझाया था
Rohit Sardana : आजकल ‘गोदी मीडिया’ शब्द काफी चर्चाओं में है। तमाम पत्रकारों व मीडिया संस्थानों पर लंबे समय से ‘गोदी मीडिया’ होने के आरोप भी लग रहे हैं। ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार और ‘आजतक’ के तेजतर्रार एंकर्स में शुमार रहे रोहित सरदाना (Rohit Sardana) ने बड़े ही अलग अंदाज में ‘गोदी मीडिया’ का अर्थ समझाया था दरअसल, ‘आजतक’ के लाइव वेब चैट सेशन के दौरान ही रोहित सरदाना से एक व्यक्ति ने पूछा था कि आखिर ‘गोदी मीडिया’ क्या है? इस पर रोहित सरदाना का यह कहना था,

आप जहां रहते होंगे या पढ़ते होंगे, वहां कई बार देखा होगा कि कुछ बदमाश किस्म के लड़के चौराहे पर अक्सर जमे रहते हैं और उनकी नजर आसपास रहने वाली उन तमाम लड़कियों पर रहती है। जो लड़की उनसे दोस्ती कर लेती है, उसे वह कुछ भी नहीं कहते लेकिन जो लड़की उनसे दोस्ती करने से इनकार कर देती है, उसे बदनाम करने का वह कोई न कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते और दीवारों पर उसके खिलाफ लिख देते हैं।‘

रोहित सरदाना के मुताबिक, ‘इस समय की स्थिति भी यही है। जिन राजनीतिक पार्टियों की ‘गोद’ में हम नहीं बैठे हुए हैं, वो दीवारों पर जा-जाकर लिखेंगे कि ‘गोदी मीडिया’-‘गोदी मीडिया’। आखिर उनका कहना है कि हमारी ‘गोद’ में बैठ जाओ, नहीं तो हम तुम्हें बदनाम कर देंगे कि तुम बदचलन हो वगैरा वगैरा। ऐसे लोगों से हमे क्या कहा चाहिए, आप लोग निपट सकते हैं और आप ही लोग निपटें। क्योंकि आपको पता है कि इनके हिसाब से बोलो तो ये लोग वाहवाही करने लगते हैं, जहां इन्हें अच्छा नहीं लगता वहां यह ‘गोदी मीडिया’-‘गोदी मीडिया’ कहकर चिल्लाने लगते हैं।’

रोहित सरदाना का ये कहना था, ‘असल में ऐसे लोगों का दर्द वही है, जो चौराहों पर बैठने वाले उन तमाम मनचलों का होता है। तो ये है गोदी मीडिया की असली सच्चाई।‘ इस वीडियो के आखिरी सवाल में रोहित सरदाना ने ‘गोदी मीडिया’ के बारे में अपनी बात भी रखी है, जिसे आप यहां देख भी सकते हैं।