किसकी किस्मत कब पलट जाए इसका कोई अंदाजा नहीं है जो व्यक्ति लगन से मेहनत करता है उसे मेहनत का फल जरुर मिलता है। चाहे वह गरीब हो या फिर अमीर ऐसा ही कुछ हुआ है, समोसा बेचने वाले 18 साल के लड़के के साथ इस बच्चे ने नीट UG (NEET UG Exam) की परीक्षा क्लियर करली है, इसकी मेहनत को देखते हुए खुद फिजिक्स वाले (Physics Wallah) अखंड पांडे (Akhand Pande) भी इस बच्चे से मिलने पहुंच गए आईए जानते हैं इस बच्चे की जर्नी कैसी रही है।
नोएडा sector 12 में समोसे का ठेला लगाता है सानी
आपको बता दें कि 18 साल के सनी कुमार (Sunny Kumar) ने नीट यूजी एक्जाम (NEET UG Exam) में 720 में से 664 अंक प्राप्त किए हैं यह बच्चा नोएडा (Noida sector 12) में सड़क किनारे समोसे का ठेला लगाता है। सनी दिन रात मेहनत करके अपनी रोजी रोटी कमाता है।
इस बीच उसने पूरे लगन के साथ अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दिया और आज वह इस मुकाम पर खड़ा हो गया है कि उसने NEET जैसी कठिन परीक्षा को भी क्लियर कर लिया है। आपको बता दें कि बच्चे की जर्नी के बारे में खुद फिजिक्स वाले (physics wallah) के अलख पांडे (Alakh Pandey) ने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर की है।
Ek Sunny ko aap padhaoge ???
— Alakh Pandey (PhysicsWallah) (@PhysicswallahAP) August 29, 2024
Sunny, 18 saal ka hai, jo pichle 3 saal se Noida me Samose ka thela lagata hai, din ke kuch 300 Rs bachata hai, jisse uska ghar chalta hai,
Ek Gareeb parivar me paida hone ke baad bhi Sunny or uski Ma ne sapna dekha Doctor banne ka…
Ab Mehangi… pic.twitter.com/JqlqrW7QkH
अलख पांडे ने शेर की बच्चों की कहानी
बच्चों की मेहनत को देखते हुए खुद अलख पांडे (Alakh Pandey) बच्चों से मुलाकात करने के लिए नोएडा पहुंचे वहां पहुंचकर उन्होंने 18 साल के सनी (Sunny Kumar) की कहानी को शेयर किया उन्होंने लिखा। सनी एक बहुत ही मेहनती लड़का है वह पढ़ाई करने के बाद सड़क के किनारे समोसे का ठेला लगाता है इतना ही नहीं कई बार सनी काम करते हुए भी लेक्चर लेता था मेहनत की कमाई से ₹4000 बचाकर उसने बैच लेकर तैयारी शुरू की थी और आज सनी की मेहनत का फल उसे मिल गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की आज भी यह बच्चा सड़क के किनारे समोसा ही बेच रहा है, क्या दूसरे बच्चों की तरह सनी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले पाएगा?
क्या वह अपने सपनों को पूरा कर पाएगा? उन्होंने आगे लिखा कि हमने कॉम्पिटेटिव एक्जाम की फीस 1 लाख से ₹4000 कर दी है लेकीन सनी जैसे कई ऐसे बच्चे हैं जो अपनी मेहनत से एग्जाम क्लियर कर लेते हैं लेकिन हॉस्टल और कॉलेज की फीस नहीं भर पाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बच्चे की जिम्मेदारी ले सकता हूं मैं इसके जैसे 100 बच्चों की जिम्मेदारी ले सकता हूं लेकिन यह हम सब का फर्ज है कि हम सनी जैसे बच्चों की आगे बढ़ाने में मदद करें।