Friday, July 26, 2024
India

2500 साल तक Ram Mandir को नहीं हिला पाएगा भूकंप, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा…

Ram Mandir : अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की भव्यता देखने के लिए हर कोई उत्साहित है। 22 जनवरी को श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा के बाद लाखों लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह मंदिर बहुत मजबूत बताया जाता है।

वैज्ञानिकों का तो यहां तक ​​दावा है कि राम मंदिर ढाई हजार साल में एक बार आने वाले भूकंप को भी झेल जाएगा। सीएसआईआर और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) ने अयोध्या में कई वैज्ञानिक अध्ययन किए हैं, जिसमें यह तथ्य सामने आया है। आइए मंदिर इतनी मजबूती के पीछे की वजह को जानते हैं।

वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल

सीएसआईआर और सीबीआरआई रूड़की ने अयोध्या स्थल पर भूभौतिकीय लक्षण वर्णन, भू-तकनीकी विश्लेषण, नींव डिजाइन संशोधन और 3D संरचनात्मक विश्लेषण और डिजाइन का संचालन किया। पीटीआई से बात करते हुए सीएसआईआर-सीबीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक देबदत्त घोष ने कहा, ‘मंदिर को अधिकतम भूकंप प्रतिरोध के लिए डिजाइन किया गया है। परियोजना की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था। इससे पता चला है कि यह मंदिर 2500 साल में एक बार आने वाले भूकंप को भी झेल सकता है।

बंसी पहाड़पुर के बलुआ पत्थर का इस्तेमाल

देबदत्त घोष ने आगे कहा कि भूभौतिकीय लक्षण वर्णन की प्रक्रिया में सतह तरंगों का मल्टी-चैनल विश्लेषण किया गया। इसके अलावा कई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। भूकंप को लेकर मंदिर के डिजाइन पर हुए इन अध्ययनों से कई अहम जानकारियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या राम मंदिर की अधिरचना के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है, जिसे 1,000 साल के जीवनकाल के लिए डिजाइन किया गया है।

सीएसआईआर-सीबीआरआई ने मिट्टी जांच योजनाओं, नींव डिजाइन मापदंडों, उत्खनन योजनाओं और नींव और संरचना की निगरानी के लिए सिफारिशों की भी जांच की। देबदत्ता घोष ने कहा, ‘सर्वोत्तम प्रदर्शन, वास्तुशिल्प अपील और सुरक्षा खोजने के लिए 50 से अधिक कंप्यूटर मॉडलों को कई लोडिंग स्थितियों के तहत अनुकरण और विश्लेषण किया गया था। इसके बाद स्ट्रक्चरल डिजाइन की अनुशंसा की गयी।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।