गर्व! महज 7 साल की उम्र में बना सर्जन, अब 13 की उम्र में ढूंढ रहा है IIT में कैंसर का इलाज….

India Most Intelligent Boy : आपने ये लाइन तो कई बार सुनी होगी कि “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” लेकिन आज हम एक ऐसे बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस लाइन को चरितार्थ कर रहा है। इस लड़के का नाम अकृत प्राण जयसवाल है।

महज 7 साल की उम्र में उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में परचम लहराया था, 8 साल की पीड़िता के हाथ की सर्जरी कर उन्होंने पूरी दुनिया में वाहवाही बटोरी थी और अकृत प्राण जयसवाल (Akrit Pran Jaiswal) सबसे कम उम्र के सर्जन बनकर उभरे थे। इसके बाद उनके नाम कई सफलताएं जुड़ गईं। आज अकृत आईटी कानपुर से पढ़ाई कर रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में

13 वर्ष की आयु में आईक्यू 146

यह लड़का एक बार फिर तब सुर्खियों में आया जब महज 12 साल की उम्र में वह देश का ‘सबसे कम उम्र का यूनिवर्सिटी स्टूडेंट’ बन गया। महज 13 साल की उम्र में उसका आईक्यू 146 था, जो उसकी उम्र के लड़कों से काफी ज्यादा था। इतनी कम उम्र में ही जायसवाल ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति हासिल कर ली थी यही कारण था कि उन्हें अमेरिका की मशहूर होस्ट ओपरा विन्फ्रे द्वारा आयोजित दुनिया के सबसे मशहूर टॉक शो मे आमंत्रित किया गया था।

माध्यमिक शिक्षा मंडल से मिली मदद

बहुत कम उम्र में मेडिकल जीनियस बनने के बाद, अकृत को माध्यमिक शिक्षा, धर्मशाला के अध्यक्ष से मार्गदर्शन और समर्थन मिला। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने उन्हें विज्ञान की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में दाखिला दिला दिया। 17 साल की उम्र में उन्होंने एप्लाइड केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की।

कैंसर का ढूंढ रहे हैं इलाज

आखिरकार अकृत को अपना लक्ष्य हासिल करने का मौका मिल ही गया। वह शुरू से ही कैंसर का इलाज ढूंढना चाहते थे। उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी, कानपुर में प्रवेश ले लिया है। फिलहाल वह यहां बायोइंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।