New Criminal Laws : 1 जुलाई से देश में लागू होंगे 3 नए अपराधिक कानून, आसान भाषा में यहां समझ लीजिए…

New Criminal Laws : देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए 1 जुलाई से तीन नए कानून लागू होंगे। ये तीन कानून हैं भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 सितंबर को संसद ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उन्हें मंजूरी दे दी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में तीन अधिसूचनाएं जारी की हैं। जिसके अनुसार, 1 जुलाई से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता लागू की जाएगी, आपराधिक प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू की जाएगी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया जाएगा। तीन कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।

भारतीय न्यायिक संहिता, 2023:

भारतीय न्यायिक संहिता ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह लेगी। इस कानून में उन धाराओं में बदलाव किया गया है जो अपराध की पहचान बन गई हैं। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 302, जो हत्या के लिए लगाई जाती है, अब धारा 101 कहलाएगी। जबकि धारा 420, जो धोखाधड़ी के लिए लगाई गई थी, अब धारा 316 होगी। इस कानून में देशद्रोह को हटा दिया गया है। इसकी जगह देशद्रोह को शामिल किया गया है। नाबालिगों से सामूहिक बलात्कार और मॉब लिंचिंग पर मौत की सज़ा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023:

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पहले से लागू सीआरपीसी, 1973 की जगह लेगी। इसके तहत तय समय सीमा के भीतर जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान किया गया है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023:

भारतीय साक्ष्य अधिनियम पहले से मौजूद कानून, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेगा। नया कानून डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को कागजी रिकॉर्ड और साक्ष्य के समान मान्यता प्रदान करता है। इसके बाद, इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कागजी रिकॉर्ड के समान ही कानूनी प्रभाव, वैधता और प्रवर्तनीयता होगी।