Sainik VS Military : मिलिट्री और सैनिक स्कूल में क्या है अंतर? जानें- बच्चों के लिए कौन है बेस्ट….

डेस्क : अच्छी शिक्षा के लिए देश में कई स्कूल चलाए जाते हैं। इनमें सैनिक और सैन्य स्कूल शामिल हैं। लोग अपने बच्चों को इन दोनों स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए उत्सुक होते हैं। लेकिन इन दोनों स्कूलों को लेकर लोगों में काफी क्रेज है।

दरअसल, सैनिकों और मिलेट्री स्कूलों (Military and Sainik School) में पढ़ने वालों के लिए सेना में नौकरी पाना आसान होता है। यहां से पढ़ाई करने वालों को तीनों सेनाओं में ऑफिसर रैंक की नौकरी मिलती है। सेना में लेफ्टिनेंट, सब लेफ्टिनेंट और फ्लाइंग ऑफिसर समेत कई पद होते हैं। ऐसे में इन दोनों स्कूलों का काफी क्रेज है।

सैनिक स्कूलों में प्रवेश के लिए हर साल परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। अब देश में सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है, पहले यह संख्या केवल 33 थी। हाल ही में केंद्र सरकार ने साझेदारी के तहत चलने वाले सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ा दी है।

देश के सैनिक स्कूलों में कक्षा 6वीं और 9वीं में दाखिले होते हैं। इन स्कूलों में एडमिशन के लिए हर साल फॉर्म जारी किए जाते हैं और इसके लिए प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन दिया जाता है। ये परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए द्वारा आयोजित की जाती हैं।

देश के सभी स्कूल सैनिक स्कूल सोसाइटी (SSS) के माध्यम से चलाए जाते हैं। यह रक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन है। सभी सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम के आवासीय विद्यालय हैं।

संस्थान की ओर से जारी बुकलेट में बताया गया है कि ये सैन्य स्कूल कैडेटों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी एनडीए, सदाकवासला पुणे, भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला और अन्य के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमियों में शामिल होने के लिए तैयार करते हैं। उत्तराखंड के घोड़ाखाल स्थित सैनिक स्कूल में कक्षा 6 के कैडेट की सालाना फीस 1 लाख 42 हजार 271 रुपये है।

अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है। इसे लड़के और लड़कियों के लिए स्कूलवार श्रेणीवार अलग-अलग तैयार किया गया है।

देश में कुल 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल हैं। इन स्कूलों में 6वीं और 9वीं क्लास में एडमिशन होते हैं। इन स्कूलों में प्रवेश भी राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। इसके लिए अभ्यर्थियों को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट देना होगा। छठीं प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी की आयु 13 वर्ष से कम तथा 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभ्यर्थियों की आयु की गणना प्रवेश वर्ष के 31 मार्च से की जाएगी।