Mughal Facts : मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नर क्यों रखते थे? सच जानकर दिमाग चौक जाएगा!

डेस्क : आपने देशभर में मुगल बादशाह से जुड़ी कई कहानियां सुनी होंगी। हालांकि, ऐसी कई कहानियां हैं जो लोगों तक नहीं पहुंच पाईं। आज हम मुगल शासन में किन्नरों से जुड़े पहलुओं के बारे में बात करेंगे। दरअसल, मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नरों को रखते थे। किन्नरों को विशेष जिम्मेदारियां दी गईं। आइये जानते हैं कि मुगल अपने दरबार में किन्नरों को क्यों रखते थे।

दरबार में किन्नरों का स्थान

मुगल शासन के दौरान किन्नरों को कई अहम जिम्मेदारियां दी गईं। उदाहरण के लिए, अकबर के शासनकाल में किन्नर सत्ता के केंद्र में थे। इतिहासकार रूबी लाल अपनी किताब में लिखती हैं कि अकबर के शासनकाल के दौरान हरम को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था।

इसकी रखवाली की जिम्मेदारी किन्नरों को सौंपी गई थी। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि हरम में सुरक्षा की कई परतें होती थीं, सबसे पहले राजपूत सुरक्षा गार्ड होते थे और अंदर किन्नरों का सुरक्षा घेरा होता था। यह किन्नर ही तय करते थे कि किसे हरम में प्रवेश मिलेगा और किसे नहीं।

इस काम के लिए दरबार में रहती थी किन्नर

मुगलों के समय में किन्नर विशेष रूप से रानियों की रक्षा के लिए होते थे। इतना ही नहीं, उस समय किन्नर शारीरिक रूप से मजबूत होते थे और बेगमों को उनसे कोई खतरा नहीं होता था। वहीं, मुगल शासकों ने रानियों के मामले में कभी भी मुगल सेना पर भरोसा नहीं किया, उनका यह भी मानना ​​था कि अगर मुगल सैनिक हरम में जाएंगे तो महिलाओं को भी आकर्षित किया जा सकता है। इसीलिए मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नर रखते थे।

जानकारी के मुताबिक, मुगलों के समय दरबार में रहने वाले किन्नरों को ख्वाजासरा कहा जाता था। मुगल दरबार में किन्नरों को हर तरह की सुविधाएं मिलती थीं। इतना ही नहीं किन्नर हथियार और घोड़े चलाना भी जानते थे, ताकि किसी भी बुरी परिस्थिति में वह हरम में मौजूद रानियों की रक्षा कर सके।