Thursday, July 25, 2024
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NRC vs CAA : आखिर सीएए और एनआरसी में क्या है अंतर? जानिए- क्यों मचा है बवाल?

NRC vs CAA : इन दिनों देश में एक कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा सीएए (CAA) लागू किया गया है। एक वर्ग इस कानून का समर्थन कर रहा है तो दूसरा वर्ग इसका विरोध कर रहा है। इसे 2019 में पारित किया गया था। लेकिन भारी विरोध के कारण 5 साल बाद अधिसूचना जारी की गई है।

इससे पहले अमित शाह ने एनआरसी लागू करने की बात कही थी। पिछले महीने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की गई थी। अब इन तीनों कानूनों को लेकर लोगों के बीच दुविधा है कि इनमें क्या अंतर है। तो आइए आज जानते हैं सीएए, एनआरसी और यूसीसी के बीच क्या अंतर है।

CAA कानून क्या है?

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था। वहीं 12 दिसंबर को विधायक पर हस्ताक्षर किए गए और राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया। सीएए (CAA) धार्मिक रूप से गैर-मुस्लिम पीड़ितों को भारत में नागरिकता देने का कानून है, जबकि एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स बिल भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों का डेटा तैयार करने से संबंधित है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि असम की तरह पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा। उन्होंने सीएए लागू करने की भी बात कही। सरकार ने साफ कर दिया है कि एनआरसी के जरिए सिर्फ घुसपैठियों की गिनती की जाएगी और उन्हें ही देश से बाहर निकाला जाएगा।

अब UCC को समझें

यूसीसी यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिकता कानून है। इसी साल फरवरी में इसे उत्तराखंड में भी लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत प्रदेश के तमाम धर्मों और समुदायों के लिए समान कानून का प्रावधान किया गया है। UCC को 4 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में मंजूरी मिल गई थी।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।