Saturday, July 27, 2024
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Taj Mahal Facts : शाहजहां ने किसकी जमीन पर बनवाया था ताजमहल? जानें- किस हिंदू राजा की जमीन पर बनाया गया…

Taj Mahal Facts : देश में कई विरासत स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इसी में एक ताजमहल है। ताज महल की चर्चा विदेशों में भी होती है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था।

ताज महल का नाम यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाहजहां ने ताज महल किसकी जमीन पर बनवाया था? आज हम आपको बताएंगे कि शाहजहां ने किस हिंदू राजा की जमीन पर ताज महल बनवाया था। तो आइए जानते हैं विस्तार।

ताज महल किसकी जमीन पर है?

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार, ताज महल की भूमि राजस्थान के आमेर के कछवाहों की संपत्ति थी। जब शाहजहाँ को अपनी पत्नी मुमताज के लिए ताज महल बनवाना था तो उसने कछवाहों से ताज महल बनवाने के लिए जमीन खरीदी थी। इसके बदले में मुगल बादशाह ने कछवाहों को चार हवेलियाँ दी थीं।

हालांकि मुआवजे के तौर पर दी गई हवेलियों के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन दरबारी इतिहासकार हामिद लाहौरी ने बादशाहनामा और फरमान जैसी अपनी रचनाओं में कछवाहों से ताज महल के लिए जमीन खरीदने का जिक्र किया है। आपको बता दें कि ताज महल करीब 60 बीघे क्षेत्रफल में फैला हुआ है। 22 साल के काम के बाद 1648 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।

ताज महल नहीं था पहला नाम

जब शाहजहाँ ने मुमताज को कब्र में दफनाया तो बादशाह शाहजहाँ ने सफेद संगमरमर से बनी इस खूबसूरत इमारत का नाम ‘रौज़ा-ए-मुनव्वरा’ रखा। हालाँकि कुछ समय बाद इसका नाम बदलकर ताज महल कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, इसे बनाने में उस वक्त 3.2 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इतना ही नहीं इस इमारत को 28 अलग-अलग तरह के पत्थरों से बनाया गया है। इसे बनाने में 20 हजार से भी ज्यादा मजदूरों ने युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य किया।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।