Property Rights : पति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पर पत्नी का कितना अधिकार होता है? जानें – क्या है कानून….
Property Rights : भारत में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत ही प्रॉपर्टी का बंटवारा होता है। घर का मुखिया अधिकतर भारत में प्रॉपर्टी (Property Rights) का मालिक होता है और उसके बाद वसीयत में जिसका नाम लिखा होता है वह उसका उत्तराधिकारी बन जाता है।
लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं कि अगर पति की मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति का अधिकारी कौन होता है? देखा जाए तो अधिकतर मामलों में जब पति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी संपत्ति की मालकिन पत्नी बन जाती है। लेकिन इसका जिक्र पति द्वारा संपत्ति की वसीयत में किया जाना जरूरी है।
अगर पति ने मरने से पहले अपनी वसीयत में अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मृत्यु के बाद पत्नी को दिया है तो सारी संपत्ति (Property Rights) पत्नी के नाम हो जाती है। लेकिन अगर संपत्ति सास ससुर के नाम है तो उनके मरने पर वह संपति बहू के नाम पर नहीं होगी। अगर सास ससुर की कोई संपत्ति है तो उस पर बहू का अधिकार नहीं होगा।
लेकिन जब किसी महिला के पति और उसके साथ ससुर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में संपत्ति का अधिकार (Property Rights) परिवार की बहुओं को मिल जाता है। इस तरह की स्थिति में ही परिवार की बहु को संपति पर अधिकार मिल पाता है।
लेकिन इसमें भी एक शर्त रखी गई है। लेकिन शर्त ये है कि अगर सास-ससुर और पति की मृत्यु हो जाती है तो बहू को संपति पर अधिकार मिलेगा, लेकिन उनके द्वारा वसीयत में इस बारे में लिखा हुआ होना चाहिए। अगर वसीयत पर किसी ओर का नाम लिखा हुआ है तो उस संपति पर घर की बहू का अधिकार नहीं होगा। ये संपति उसी व्यक्ति के पास ही जाएगी, जिसका वसीयत में नाम लिखा हुआ है।
इसलिए पति की संपति पर तभी पत्नी का अधिकार हो जाता है तो जब सास ससुर जीवित ना हो या फिर वसीयत में पति ने अपनी संपति पत्नी के नाम की हो।