Internet Shutdown : देश में किसी सांप्रदायिक घटना होने की आशंका से पहले सरकार पूरे देश या फिर उस क्षेत्र का इंटरनेट सर्विस बंद कर देती है. इस बारे में आपने जरूर कभी ना कभी सुना होगा क्योंकि अक्सर ऐसा होता रहता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उस दुर्घटना की अफवाह दूर तक ना पहले या फिर लोगों को गलत संदेश ना हो ताकि लोग इस बात से प्रभावित न हो लेकिन आप जानते हैं कि आखिर सरकार ऐसा कैसे करती है. अगर आपके मन में भी इसी तरह का सवाल है तो आइए आज इसका जवाब जानते हैं.
इंटरनेट सर्विस शटडाउन
दरअसल, सरकार को इस कदम को उठाने के लिए किसी से लेने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि अगर ऐसा ना हो तो उस घटना की खबर लोगों को अफवाह के रूप में फैल जाएगी और उस घटना का बुरा प्रभाव लोगों पर पड सकता है. वहीं किसी भी सांप्रदायिक घटना और राजनीतिक दबाव की वजह से कानून व्यवस्था पर कोई प्रभाव न पड़े इसकी ऐसा कदम उठाया जाता है.
ऐसा कैसे होता है?
बता दें कि, इसे अगर आप सरल भाषा में तो जिस तरह लोग अपने घरों में वाईफाई लगवाते हैं उसी तरह क्षेत्र में इंटरनेट पहुंचाने के लिए टावर की जरूरत होती है. जैसे वाईफाई बंद करने के लिए दो तरीके का इस्तेमाल किया जाता है एक तो राउटर को बंद कर दिया है और दूसरा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को ही डिस्कनेक्ट कर दिया जाता है. ठीक उसी तरह सरकार हर क्षेत्र का मोबाइल टावर ना बंद करके सीधे ISP कंपनियों मोबाइल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Mobile Internet Service Provider) से संपर्क करती है. इसके बाद उन्हें आदेश जारी करते हुए क्षेत्र में इंटरनेट सर्विस बंद करने का निर्देश दे दिया जाता है.