डेस्क : ताज महल की खूबसूरती देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। भारत के पास एक ऐसी विरासत है जिसकी चर्चा विदेशों में बैठे लोग करते हैं। लेकिन इसका भी अपना इतिहास है। ऐसी कई कहानियां हैं जिनसे आप परिचित नहीं हैं।
आज हम आपको ताज महल से जुड़ी एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जब ताज महल को गायब कर दिया गया। ये किस्सा शायद ही कोई जानता हो। ये बात आम नहीं, बेहद खास है। आइये जानते हैं आगरा से कब गायब किया गया था ताज महल?
पाकिस्तान के निशाने पर था ताज महल
1971 में आगरा से गायब हो गया था ताज महल दरअसल बांग्लादेश के आजाद होने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि पाकिस्तान भारत पर हमला कर सकता है। 3 दिसंबर की रात को पाक वायुसेना के विमान भारतीय सीमा में घुस आए और हवाई पट्टियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
उस वक्त आगरा एयरबेस काफी बड़ा माना जाता था। ऐसे में आगरा हवाई पट्टी भी पाकिस्तान के निशाने पर थी। यह भी जानकारी मिली थी कि पाकिस्तानी वायुसेना ताज महल को भी निशाना बना सकती है।
इस तरह हो गया ‘गायब’
भारत सरकार ने त्वरित निर्णय लिया और ताज महल को ढकने के आदेश दिये गये। 3 दिसंबर को जब पाक वायुसेना के विमान भारतीय सीमा में घुसे तो पूरे देश में ब्लैकआउट कर दिया गया, जिससे पाक वायुसेना को कुछ समझ नहीं आ सका। इस बीच, ताज महल को जल्दबाजी में हरे कपड़े से ढक दिया गया, ताकि चांदनी रात में पाक वायुसेना को ताज महल दिखाई न दे।
पाकिस्तान ने 16 बम गिराए
1971 में आगरा में घुसे पाक वायुसेना के विमानों ने कुल 16 बम गिराए थे, कहा जाता है कि उस समय 3 बम हवाई पट्टी पर गिरे थे, लेकिन इससे एयरबेस को आंशिक नुकसान ही हुआ था, बाकी ब्लैकआउट के कारण 13 बम गिराए गए। वे एयरबेस के आसपास के खेतों में गिरे, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बांस से ढक गया
1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी ताज दुश्मनों के निशाने पर था। उस समय इसका मुख्य गुंबद बांस से ढका हुआ था। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब ब्रिटिश भारतीय सरकार को यह जानकारी मिली कि जापान और जर्मनी मिलकर ताज को नष्ट करना चाहते हैं, तो उन्होंने ताज को बांस से ढक दिया।