भगवान राम के केवल 3 भाई नहीं…1 बहन भी थीं, जानें – वाल्मीकि रामायण में क्यों नहीं है उल्लेख…
Sister of Shri Ram : 22 जनवरी को अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ऐसे में देशभर में लोगों के बीच राम जी को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। लोग राम जी से जुड़े हर पहलू को जानना चाहते हैं। राम जी से जुड़े सभी पहलुओं को रामायण में पढ़ा जा सकता है।
लेकिन राम जी से जुड़ा एक किरदार ऐसा है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। ये किरदार प्रभु राम की बड़ी बहन शांता का है। राजा दशरथ की इकलौती पुत्री शांता के बारे में कुछ कहानियाँ प्रचलित हैं। आइये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार राजा दशरथ की तीन रानियाँ थीं। पहली रानी कौशल्या, दूसरी रानी सुमित्रा और तीसरी रानी कैकेयी थी। भगवान राम रानी कौशल्या के पुत्र थे। लेकिन पुत्र राम से पहले माता कौशल्या ने एक पुत्री शांता को भी जन्म दिया। शांता अपने चारों भाइयों से बड़ी थीं और कला एवं शिल्प में निपुण थीं। लेकिन शांता का जिक्र रामायण में न होने के पीछे एक खास वजह थी।
इसलिए शांता का कोई जिक्र नहीं
दरअसल, राजा दशरथ और रानी कौशल्या की बेटी शांता ज्यादा समय तक अपने परिवार के साथ नहीं रहीं। इस कारण रामायण में उनका कोई उल्लेख नहीं है। इसके पीछे भी एक वजह है। कथाओं के अनुसार रानी कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी बहुत समय तक निःसंतान थी।
शांता के जन्म के बाद वह एक बार अपनी बहन कौशल्या से मिलने आईं। फिर उन्होंने शांता की ओर देखकर कहा कि बच्ची बहुत प्यारी है, क्या उन्हें इसे अपना लेना चाहिए। यह वाक्य सुनकर राजा दशरथ ने उन्हें अपनी पुत्री गोद देने का वचन दिया। रघुकुल सदैव इस बात के लिए प्रसिद्ध रहा है कि ‘प्राण जाए पर वचन जाए न’, इसलिए राजा दशरथ ने अपना वचन निभाया और उनकी पुत्री को गोद ले लिया।
इनका श्रृंगी ऋषि से हुआ था विवाह
कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम की बड़ी बहन का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि का मंदिर भी है जहां ऋषि श्रृंगी और राम की बहन शांता की पूजा की जाती है।