Airplane के फ्यूल और नॉर्मल फ्यूल में क्या है अंतर? जानें – दोनों की कीमत में कितना है फासला….
Fuel : आप लोग कई बार पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल डलवाने गए होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि हवाई जहाज में अलग फ्यूल डाला जाता है। बहुत से लोग ऐसे हैं जो समझते हैं कि कार, ट्रक, बस और हवाई जहाज में डाला जाने वाला फ्यूल (Fuel) एक ही है। कई लोग ऐसा भी समझते हैं कि पेट्रोल पंप से फ्यूल खरीद करवा हवाई जहाज में डालकर उसे उड़ा सकते हैं। अगर आपका भी विचार यही है तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि ट्रक, कार और हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले फ्यूल में काफी ज्यादा अंतर है। इसके साथ उनकी कीमत में भी काफी अंतर होता है। जहां पेट्रोल ज्वनशील होता है, वहीं हवाई जहाज में यूज किया जाने वाला फ्यूल अत्यधिक ज्वलनशील होता है। ये फ्यूल पेट्रोल के मुकाबले तेज आग पकड़ता है। इसलिए हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाला फ्यूल आम आदमी की पहुंच से दूर रखा जाता है।इसके साथ ही हवाई जहाज के फ्यूल का ट्रांसपोर्ट भी बड़ी सावधानी से किया जाता है।
हवाई जहाज का फ्यूल
दरअसल, हवाई जहाज का इंजन टर्बाइन इंजन होता है, जिसके चलते हवाई जहाज में हाई एफिशियंसी वाला फ्यूल यूज किया जाता है, जो ज्यादा ज्वलनशील होता है। इसलिए हवाई जहाज के फ्यूल (Fuel) से ज्यादा एनर्जी मिलती है और इसी कारण प्लेन हवा से बातें करता है। हवाई जहाज में इस्तेमाल किया जाने वाला फ्यूल काफी कम तापमान पर भी नहीं जमता है, इसलिए ये ऊंचाई पर भी काम करता है। हवाई जहाज का फ्यूल (Fuel) बनाने की प्रक्रिया जटिल और महंगी होती है, जिसके कारण इसकी कीमत भी अधिक होती है।
पेट्रोल और डीजल
आपको बता दें, कार और अन्य वाहनों में इस्तेमाल किए जाने वाले पेट्रोल और डीजल नॉर्मल फ्यूल (Normal Fuel) में आते है। ये हवाई जहाज के फ्यूल से कम शुद्ध होता है। नॉर्मल फ्यूल हवाई जहाज के फ्यूल की तुलना में धीमी गति से जलता है और कम ऊर्जा प्रदान करता है। नॉर्मल फ्यूल कम तापमान पर जम सकता है, जिसके कारण यह ऊंचाई पर काम नहीं कर सकता है। नॉर्मल फ्यूल (Normal Fuel) हवाई जहाज के फ्यूल की तुलना में कम सुरक्षित है और इसमें आग भी तुरंत पकड़ लेती है। इसे बनाने की प्रक्रिया काफी सरल और सस्ती होती है, इसलिए इसकी लागत भी कम होती है।