सस्ता हो गया सरसों का तेल – केवल इतने रुपये का मिल रहा 1 लीटर तेल, खुशी से झूम उठेंगे आप…

Mustard oil became cheaper

खाने के तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. मंडियों में सरसों की आवक बढ़ने से सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल और बिनौला तेल की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है। दूसरी ओर सोयाबीन तिलहन, कच्चा पाम तेल और पामोलीन तेल की कीमतें पहले के दाम पर ही मिल रही है ।

कैसा रहा ग्लोबल मार्केट का हाल? बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में कोई हलचल नहीं है, जबकि शिकागो एक्सचेंज में बीती रात करीब 1.25 फीसदी की गिरावट आई थी और फिलहाल इसमें एक फीसदी की गिरावट है.

बड़ी मात्रा में सूरजमुखी के तेल का आयात किया जाता है : सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी का तेल सस्ता होने के कारण देश में बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। इस आयात का आकार इतना अधिक है कि किसान, तेल उद्योग और उपभोक्ता सभी चिंतित हैं। सबसे बड़ी समस्या देशी तिलहन पैदा करने वाले किसानों की है, जिनकी फसल सस्ते आयातित तेलों की भरमार के कारण मंडियों में नहीं आ रही है। भारी मात्रा में सस्ते आयातित तेल होने के कारण पेराई मिलों को देशी तिलहनों की पेराई करने में घाटा हो रहा है, जिनकी बाजार में खपत तेल महंगा होने के कारण मुश्किल हो गई है।

सरसों तेल का क्या भाव है? दिल्ली में सरसों का थोक भाव 94 रुपये लीटर है और इसे खुदरा में अधिकतम 110-115 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जाना चाहिए। नरेला और नजफगढ़ मंडियों में छोटे किसानों से सरसों की आवक बढ़ी है। इसके अलावा सस्ते आयातित तेल के कारण सरसों तेल-तिलहन में गिरावट है। सस्ते आयातित तेलों के कारण मूंगफली तेल-तिलहन भी मामूली गिरावट का शिकार हुए हैं। इससे सोयाबीन और देशी बिनौला तेल के भाव में भी गिरावट देखने को मिली।