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2030 तक भारत-रुस के बीच 100 बिलियन डॉलर कारोबार का लक्ष्य, 19 समझौते पर बनी सहमति

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Desk : रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत आए. भारत में उनका जोरदार स्वागत हुआ जिसके बाद कई अहम बैठकें हुई. पुतिन का यह दौरा कई मायनों में बेहद खास है. दोनों देशों के बीच हुई 23वीं शिखर बैठक के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि भारत और रुस की दोस्ती घुव्र तारे की तरह है.

पीएम मोदी ने बताया कि समय आगे बढ़ने के साथ-साथ दोस्ती भी गहरी होती गई है. शाम के समय अहम बैठकें हुई जिसके बाद व्लादिमिर पुतिन आज शुक्रवार देर रात ही रुस के लिए रवाना हो जाएंगें.

दोनों देश के बीच 19 समझौते : दोनों नेताओं के बीच दिृपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का स्पष्ट आदान प्रदान हुआ.भारत-रुस के बीच कुल 19 समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिनमें विजन 2030 दस्तावेज, हेल्थ, फूड सेफ्टी सेक्टर में एग्रीमेंट, फ्री टूरिस्ट वीजा, फ्री ट्रेड वार्ता,तकनीक क्षेत्र, 2030 तक 100 बिलियन डॉलर कारोबार का लक्ष्य समेत कई और मुद्दे शामिल हैं. इन समझौतों के बाद रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मोदी को रुस आने का न्यौता दिया.

और गहरे होंगे दोनों देशों के संबंध : रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत की उनकी राजकीय यात्रा और पीएम मोदी के साथ दिृपक्षीय वार्ता के दौरान हस्ताक्षरित समझौते रुस-भारत के रिश्ते को और मजबूत बनाएगें. रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों के संबंधों को और गहरा बनाएगीं.

दोनों पक्षों ने अपनी तरह से सहयोग की बात की है. इसके साथ ही उन्होंने साल की शुरुआत में चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान अपनी मुलाकात को याद किया. वहीं पीएम मोदी ने यूक्रेन मुद्दे पर शांति की भारत की वकालत दोहराई और इस मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत किया.

वीजा को लेकर बड़ा ऐलान : पीएम मोदी ने कहा कि अब हम भारत के नाविक को ध्रुवीय जल में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे.यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत देगा और साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हम शीघ्र ही रुसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 दिनों का ई-टूरिस्ट वीजा और 30 दिनों का ग्रुप टूरिस्ट वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं.

मोदी ने कहा कि एनर्जी सिक्योरिटी भारत-रुस पार्टनरशिप का एक मजबूत और अहम पिलर रहा है. सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में हमारा दशकों पुराना सहयोग हमारी साझा क्लीन एनर्जी प्राथमिकताओं को पूरा करने में बहुत जरुरी रहा है.हम इस विन-विन सहयोग को जारी रखेंगे.

कुल मिलाकर पुतिन की यह यात्रा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित हुई. इस शिखर सम्मेलन की टाइमिंग बेहद अहम है. दोनों देशों के रिश्ते आगे कैसे चलेंगे यह दोनों की रणनीतिक समझ पर आगे का रास्ता तय करेगा.

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