Friday, July 26, 2024
Business

Property Rules : क्या बेटियों को पिता की संपत्ति में हक मिलता है या नहीं? यहां जान लीजिए नियम……

Property Rules : देश में बदलते समय के साथ बेटा-बेटी का फर्क खत्म होता जा रहा है। अब बेटियां कई बड़े पदों पर सेवाएं दे रही हैं। लेकिन आज भी बेटियों का अपने माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं माना जाता है। हिस्सा देने के समय में पराए घर का बोल कर संपत्ति अपने बेटों में बांट देते हैं। हालाँकि, बेटियों के अधिकार के लिए भी कानून है। इस कानून में बेटी को अपने माता-पिता की संपत्ति का उत्तराधिकार पाने का अधिकार है। तो आइए जानते हैं इस कानून के बारे में।

पिता की संपत्ति में बेटी को कितना हक?

आपको बता दें, बेटियों को संपत्ति में अधिकार देने के लिए कानून बनाए गए हैं। वर्ष 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में संशोधन करके बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के समान अधिकार पाने का कानूनी अधिकार दिया गया है। दरअसल, यह कानून 1956 में संपत्ति पर दावों और अधिकारों के प्रावधानों के लिए ही बनाया गया था।

इस कानून के मुताबिक, बेटी को भी अपने पिता की संपत्ति पर बेटे के बराबर ही अधिकार है। साल 2005 में भारतीय संसद ने बेटियों के अधिकारों को मजबूत किया और उत्तराधिकार कानून में संशोधन कर पिता की संपत्ति पर बेटी के अधिकार को लेकर किसी भी तरह के संदेह को खत्म कर दिया।

बेटी कब संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती?

कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिल पाता है। ऐसी ही स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एक पिता अपनी मृत्यु से पहले अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर देता है। ऐसे में बेटी को पिता की संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता है। हालाँकि, यहाँ एक पेच है।

दरअसल, पिता ऐसा केवल अपनी स्वअर्जित संपत्ति से ही कर सकता है। लेकिन अगर पिता को यह संपत्ति अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है यानी पारिवारिक संपत्ति है तो वह इसे अपनी मर्जी से किसी को नहीं दे सकता। ऐसे में बेटी और बेटे दोनों का इस संपत्ति पर अधिकार होता है।

Nitesh Kumar Jha

नितेश कुमार झा पिछले 2.5 साल से thebegusarai.in से बतौर Editor के रूप में जुड़े हैं। इन्हें भारतीय राजनीति समेत एंटरटेनमेंट और बिजनेस से जुड़ी खबरों को लिखने में काफी दिलचस्पी है। इससे पहले वह असम से प्रकाशित अखबार दैनिक पूर्वोदय समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। उनके लेख प्रभात खबर, दैनिक पूर्वोदय, पूर्वांचल प्रहरी और जनसत्ता जैसे अखबारों में भी प्रकाशित हो चुके हैं। अभी नीतेश दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से MA मास मीडिया कर रहे हैं।