डेस्क : बिहार में कार्यरत आंगनबाडी सेविकाओं और सहायिकाओं के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गयी।
आज की बैठक में कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में 1 लाख 15 हजार नौ सेविकाएं और इतनी ही संख्या में सहायिकाएं हैं। सरकार ने उन्हें मिलने वाले भत्ते को 1 अप्रैल 2024 से बढ़ाने का फैसला किया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को फिलहाल 5950 रुपये भत्ते के तौर पर मिलते हैं। जिसे बढ़ाकर सात हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह नौकरानी को मिलने वाली 2975 रुपये की सैलरी को बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है. इस फैसले के बाद सरकार को अंतर राशि के रूप में हर साल 286.37 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा।
फिलहाल इस योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 60 फीसदी और राज्य की हिस्सेदारी 40 फीसदी है, लेकिन भत्ते में बढ़ोतरी के बाद योजना में राज्य की हिस्सेदारी बढ़कर 61.43 फीसदी हो जाएगी जबकि केंद्र की 38.57 प्रतिशत होगी।
मुखिया को पांच हजार व पंच को आठ सौ रुपये मिलेगा मानदेय
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि सेविका और सहायिका की तरह कैबिनेट ने त्रिस्तरीय पंचायत के छह पदों पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है। बढ़ा हुआ मानदेय 1 अप्रैल 2024 से देय होगा। पंचायत प्रधान को 2,500 रुपये की जगह 5,000 रुपये, उपप्रधान को 12 रुपये की जगह 25,000 रुपये, ग्राम पंचायत सदस्यों को 5,000 रुपये की जगह 8,000 रुपये मिलेंगे। इसी तरह ग्राम कचहरी के सरपंच को ढाई हजार की जगह पांच हजार, उपसरपंच को 12 सौ की जगह 25 सौ और पंच को पांच सौ की जगह आठ सौ रुपये मानदेय मिलेगा। मानदेय में बढ़ोतरी के बाद सरकार को इस मद में 3.30 अरब रुपये अतिरिक्त वहन करना होगा।