…नीतीश कुमार, Bihar के CM ने कब-कब मारी पलटियां, यहाँ जानें पूरी कहानी….
डेस्क : बिहार की राजनीति में कई दिनों की सियासी उथल-पुथल के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। इस बार नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने फिर पलट दी है और इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका दिया है। अब तक के सफर में नीतीश कुमार 4 बार पलट चुके हैं।
इस बार सीएम पद को लेकर मामला कई दिनों तक फंसा रहा। इसके बाद आखिरी कुर्सी पर नीतीश कुमार ही बैठेंगे। बीजेपी से दो उपमुख्यमंत्री होंगे। इनमें सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हैं। आइए आज जानते हैं कि नीतीश कुमार ने कब-कब पलटी मारी है।
2005 में बीजेपी के साथ लड़ा चुनाव
मार्च 2000 में नीतीश कुमार पहली बार बिहार की सत्ता में आए। उस समय नीतीश की सरकार केवल सात दिनों तक चली और बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद नीतीश कुमार ने 2005 में बिहार में एनडीए के साथ मिलकर लालू यादव के ‘जंगलराज’ को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था। इस बार नीतीश को पूर्ण बहुमत मिला और वे दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 2005 के बाद 2010 में एनडीए के समर्थन से नीतीश कुमार तीसरी बार सीएम बने।
नीतीश कुमार फिर पलटे
हालाँकि, 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में बनी एनडीए सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। 2013 में जब बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाया तो नीतीश नाराज हो गये। नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया।
नीतीश बीजेपी से अलग हो गए और 2014 चुनाव की तैयारी में लग गए। हालांकि, चुनाव में जेडीयू को ज्यादा सफलता नहीं मिली। इसके चलते नीतीश कुमार ने अपना सीएम पद छोड़ दिया और जीतन राम मांझी को सीएम बना दिया। इस दौरान जीतन राम मांझी ने सरकार का बचा हुआ कार्यकाल पूरा किया। जीनत राम मांझी एक साल तक मुख्यमंत्री रहे।
नीतीश 2015 में लालू की पार्टी से सीएम बने
2015 में जब बिहार विधानसभा चुनाव की बारी आई तो नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। इस गठबंधन को बिहार में महागठबंधन का नाम दिया गया। चुनाव में महागठबंधन की जीत हुई। इस सरकार में नीतीश कुमार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने, जबकि लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पहली बार उपमुख्यमंत्री बने।
हालांकि, 2015 में बनी महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। 2017 में तेजस्वी यादव पर सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था। नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
2020 में बीजेपी के साथ चुनाव जीतकर फिर बने CM
2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इसमें एनडीए को लोकसभा की 39 सीटों पर जीत मिली। लोकसभा चुनाव के ठीक एक साल बाद 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीयू एनडीए के साथ रही। इस गठबंधन को जनता का पूरा समर्थन मिला और राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बनी। 2020 में जेडीयू को कम सीटें मिलीं, लेकिन बीजेपी ने नीतीश कुमार को सातवीं बार सीएम की कुर्सी पर बैठाया।
हालांकि, महज दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए से अलग हो गई है। राज्य में एनडीए सरकार गिर गयी। बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई।
इस बार भी सीएम नीतीश कुमार ही रहे। यह आठवीं बार था जब नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने। यह सरकार भी करीब डेढ़ साल तक ही चल सकी। अब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन करके नौवीं बार सीएम बन रहे हैं।