खेत बेचकर पिता ने पढ़ाया.. दूसरे प्रयास में UPSC क्रैक कर बनें IPS, जानें – बेगूसराय के आईपीएस दीपक कुमार की कहानी..

IPS Deepak Kumar : संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC देश की सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। इस एग्जाम को पास करने के बाद युवा को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने का मौका मिलता है। हालांकि, यह मौका मिलना इतना आसान नहीं है।

लाखों युवा कई सालों तक इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और इसके बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं है। इसके बावजूद भी युवा UPSC परीक्षा के लिए दिन-रात तैयारी करते हैं और सफलता के शिखर तक पहुंचने के इंतजार में रहते हैं। आज हम आपको बिहार के दिनकर की धरती बेगूसराय के रहने वाले आईपीएस दीपक कुमार (IPS Deepak Kumar) की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 5वीं तक की पढ़ाई-लिखाई गांव के ही सरकारी स्‍कूल से की.. इसके बाद नेतरहाट स्‍कूल चले गए। फिर IPS अफसर का सफर तय किया।

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले दीपक (IPS Deepak Kumar) बेगूसराय जिले के रामदिरी गांव के रहने वाले हैं। नेतरहाट स्‍कूल से 6वीं से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 12वीं करने पटना साइंस कॉलेज चले गए। पटना से 12वीं करने के बाद दीपक (IPS Deepak Kumar) ने यूपी के वराणसी के काशी विद्यापीठ से इकोनॉमिक्‍स से BA किया। इकोनॉमिक्स में ग्रेजुशन करने के बाद दीपक (IPS Deepak Kumar) राजधानी दिल्ली चले गए। वहां से उन्‍होंने एलएलबी की पढ़ाई की।

दीपक (IPS Deepak Kumar) बताते हैं कि उन्‍हें यूपीएससी के बारे में नेतरहाट स्कूल से पता चला, यहीं से सिविल सर्विस में जाने का प्रेरणा मिला। वो कहते हैं कि स्‍कूल टाइम से ही कुछ मित्र ऐसे थे, जो सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे, लिहाजा वह सब मिलकर तैयारी करते थे। यही कारण था कि उन्‍होंने कभी कोई कोचिंग नहीं किया और सेल्‍फ स्‍टडी के दमपर यूपीएससी की परीक्षा पास की।

उन्होंने बताया की साल 2003 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने पर उनका सेलेक्‍शन दमन, दीप और दादर नागर हवेली पुलिस सर्विस के लिए हो गया, लेकिन दीपक (IPS Deepak Kumar) यहीं नहीं रूके उन्‍होंने अगले साल फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उन्‍हें आईपीएस कैडर मिला।

दीपक (IPS Deepak Kumar) कहते है की किसान परिवार के पास कोई इतनी आमदनी के साधन तो होते नहीं और घर वालों की इच्‍छा थी कि उनके बच्‍चे पढ़े लिखे आगे बढ़ें और सरकारी अफसर बनें क्‍योंकि उनके परिवार में कोई सरकारी अफसर नहीं था। लिहाजा बच्‍चों की पढ़ाई के लिए परिवार के लोगों ने कुछ जमीनें भी बेचीं और हमलोगों को पढ़ाया।

आपको बता दे की दीपक कुमार (IPS Deepak Kumar) ने अपने कार्य के दौरान राजस्‍थान के बावरिया पर नकेल कस दी। यही नहीं..उन्‍होंने बावरिया गिरोह को पकड़कर डकैती की सिलसिलेवार घटनाओं पर रोक लगा दी। इसके अलावा उन्‍होंने बांग्लादेशी गिरोह का न केवल खुलासा किया बल्कि लखनऊ समेत कई जिलों में उनके नेटवर्क का पर्दाफाश किया।