Begusarai News : बेगूसराय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 24 अक्टूबर को उलाव हवाई अड्डे पर हुई जनसभा की सुरक्षा में जहां हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात थे, वहीं इसी सुरक्षा घेराबंदी के बीच शराबबंदी कानून और पुलिस व्यवस्था की वास्तविकता को उजागर करने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
कटिहार से सुरक्षा ड्यूटी पर भेजे गए बिहार विशेष सशस्त्र बल (BSAP) के एक हवलदार ने न सिर्फ ड्यूटी के दौरान शराब पी, बल्कि बेसुध होकर सड़क किनारे पड़े पाए गए और फिर गिरफ्तारी से पहले फरार भी हो गए।
ड्यूटी के बाद दारू का नशा
पीएम का भाषण समाप्त होने के बाद जब जवानों की नियमित गिनती शुरू हुई, तो हवलदार मो. अंजार गायब मिले। तलाश शुरू हुई तो वह इंजीनियरिंग कॉलेज मुख्य द्वार के पास जमीन पर बेसुध पड़े मिले। शराब की तेज़ दुर्गंध से मामला साफ़ था कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान ही शराबबंदी कानून की धज्जियाँ उड़ाई हैं।
कंपनी समादेशक के निर्देश पर उन्हें तत्काल सदर अस्पताल ले जाकर मेडिकल जांच कराई गई। गिरफ्तारी की तैयारी हो रही थी कि तभी उन्होंने शौच जाने का बहाना बनाकर पुलिस को चकमा दे दिया और मौके से फरार हो गए।
एक माह गायब, न कंपनी लौटे, न किसी को खबर : हवलदार अंजार फिर कंपनी में भी नहीं लौटे। करीब एक महीने बाद बीएसएपी-7 कटिहार के समादेष्टा ने बेगूसराय एसपी को पत्र भेजकर भगोड़े जवान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। इसके बाद 21 नवंबर को सिंघौल थाना में FIR दर्ज की गई।
निलंबन, FIR और शराबबंदी पर बड़ा आईना : ड्यूटी में शराब पीने और फरारी के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया है। आरोपी हवलदार मो. अंजार भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड के पंचरूखी खुल्ली के रहने वाले बताए गए हैं।
शराबबंदी की पोल, व्यवस्था की चूक : यह पूरा मामला बिहार की शराबबंदी और सुरक्षा व्यवस्था दोनों पर बड़े सवाल खड़े करता है। जिस राज्य में शराबबंदी को कठोर और प्रभावी बताया जाता है, वहीं प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे जवान तक खुलेआम शराब पीकर बेसुध पड़े पाए जाएँ तो यह सिर्फ व्यक्तिगत लापरवाही नहीं, बल्कि सिस्टम की कमजोरी का खुला सबूत है। सबसे चिंताजनक यह कि मेडिकल जांच और गिरफ्तारी की आधिकारिक प्रक्रिया के दौरान भी जवान का भाग निकालना पुलिस प्रशासन की तैयारी और अनुशासनहीनता को उजागर करता है।

