Begusarai Sadar Hospital

बेगूसराय सदर अस्पताल में डॉक्टर की बदसलूकी का आरोप, घायल छात्रों से दुर्व्यवहार पर बवाल…

Begusarai Sadar Hospital : बेगूसराय सदर अस्पताल एक बार फिर विवादों में आया है। इस बार अस्पताल में पदस्थापित एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि मारपीट की घटना में घायल छात्रों के इलाज के दौरान डॉक्टर ने न सिर्फ बदतमीजी की, बल्कि इलाज करने से इनकार भी कर दिया। यही नहीं, जब मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे और घटना का वीडियो बनाने लगे, तो डॉक्टर ने मीडिया से भी अभद्र व्यवहार किया।

मारपीट में घायल छात्र पहुंचे थे इलाज के लिए

घटना की शुरुआत उस समय हुई जब शहर के एक कॉलेज में दो छात्रों के बीच मारपीट हो गई। इस मारपीट में दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। छात्र जब इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से जल्दी इन्जुरी रिपोर्ट (चोट का प्रमाण पत्र) बनाने की मांग की, तो डॉक्टर भड़क गए। आरोप है कि डॉक्टर ने छात्र से कहा, “जाओ, अपने मां-बाप को बुलाओ।”

डॉक्टर ने नहीं किया इलाज

छात्रों का आरोप है कि डॉक्टर ने उनके साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार किया और इलाज करने से साफ इंकार कर दिया। वहीं, जब छात्रों ने विरोध करना शुरू किया और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे, तो डॉक्टर और ज्यादा आक्रोशित हो गए। सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में भी डॉक्टर और छात्रों के बीच कहा-सुनी होती रही और अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया।

मीडिया से भी किया दुर्व्यवहार, पैर फैलाकर बैठे रहे डॉक्टर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब मीडियाकर्मियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर वीडियो बनाना शुरू किया तो डॉक्टर ने मीडिया के साथ भी बदतमीजी की। खास बात यह रही कि डॉक्टर कुर्सी पर पैर फैलाकर बैठे रहे और बेहद अहंकारपूर्ण रवैये से छात्रों से बात करते रहे।

डॉक्टर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

हालांकि, डॉक्टर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया। लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और छात्रों की मानें तो डॉक्टर की वजह से अस्पताल में लगभग दो घंटे तक अफरा-तफरी मची रही।

अस्पताल प्रशासन मौन, कार्रवाई की मांग

घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। छात्रों और उनके परिजनों ने जिला प्रशासन से डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है।

सबसे बड़ा सवाल?

सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के व्यवहार को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती हैं, लेकिन इस तरह का असंवेदनशील और गैर-पेशेवर रवैया न केवल चिकित्सा सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि आम जनता का भरोसा भी डगमगाता है।

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