बेगुसराय : कांवर टाल में एशियन जल पक्षी की गणना हुई पूरी…

बेगुसराय के कांवर टाल और पचैला चौर में द्विदिवसीय एशियन जल पक्षी गणना सोमवार को पूरी की गई। कांवर टाल क्षेत्र में, 29 प्रजातियों में से कुल 326 वॉटरबर्ड प्रजातियों की गणना की गई, जिनमें से आठ प्रजातियां फेरुजिनस डक, सिट्रीन वैगटेल जैसी प्रवासी पक्षी की प्रजाति हैं। इसके अलावे साइबेरियन स्टोनचैट, कॉमन सैंडपाइपर और वुड सैंडपाइपर आदि पक्षियों की पहचान की गई।

पचैला चौर में 20 प्रजातियों के कुल 178 पक्षियों की गणना की गई, जिनमें से तीन प्रजातियाँ सफेद और सिट्रीन वैगटेल और बार्न स्वैलो प्रवासी हैं। मौके पर 10 और 11 फरवरी को बीएनएचएस की टीम ने रिंग कर कुल 113 प्रवासी पक्षियों को छोड़ा।
बीएनएचएस टीम ने स्कूली छात्रों और कांवर झील के आसपास के स्थानीय समुदायों के बीच ‘जलपक्षियों और आर्द्रभूमि के संरक्षण’ पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया.

कांवर टाल को पुनर्जीवित करने के लिए संरक्षण पहल पर चर्चा करने के लिए आर्द्रभूमि मित्रों के साथ एक बैठक सोमवार को जयमंगलागढ़ में किया गया। मौके पर काबर नेचर क्लब के संरक्षक महेश भारती ने कहा कि काबर टाल क्षेत्र में लगातार प्रवासी पक्षियों की संख्या घट रही है। यहां आनेवाले पक्षियों की न तो सुरक्षा का इंतजाम है न संरक्षण की। टाल क्षेत्र में जाल लगाकर प्रवासी चिड़ियों की शिकार माही आम है।

रामसर साईट घोषित किए जाने के बावजूद यहां का विकास ठप है। ज़रूरत लोगों को जागरूक करने की है। बीएनएचएस का प्रयास अच्छा रहा है। मौके पर बीएनएचएस के डिप्टी डायरेक्टर एस शिवकुमार, वर्तिका कुमारी, तमिलनाडु से आयी शायरा,, वनरक्षक मधु कुमारी,वेटलैंड मित्र समाजसेवी अमन कुमार,, पप्पू पासवान,विनोद कुमार, रिंकू यादव, युगल सहनी आदि थे।