Fastag : अगर आपके पास कार या अन्य कोई फोर व्हीलर है तो इस पर Fastag का स्टीकर जरूर लगा हुआ होना चाहिए। अगर आप किसी टोल प्लाजा से बिना Fastag स्टीकर के गुजरते हैं तो आपको इसके लिए दोगुना जुर्माना देना होगा। इसका मतलब अगर किसी टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर टोल टैक्स के ₹200 है तो इसके बदले आपको ₹400 देने होंगे।
आपको बता दें कि Fastag इस्तेमाल करने और इसे खरीदने के लिए कई नियम बनाए गए है। भारत में करीब 32 बैंक है जो Fastag कार्ड बना सकते है। अगर आपके पास भी Fastag है तो इस पर मिलने वाले कैशबैक के नियम के बारे में आपको आज हम बताने जा रहे है।
किसे मिलेगा कैशबैक?
आपको बता दे कि Fastag स्टीकर बनाने में 400 से 500 रुपये का खर्च आता है। इसमें से आपको 200 रुपये रिफंड कर दिए जाते है। लेकिन Fastag बनवाने के बाद आपको इसमें रिचार्ज करवाना पड़ता है वरना बिना बैलेंस के आप टोल प्लाजा पर परेशान हो सकते हैं।
अगर कैशबैक के नियम की बात करें तो NHAI यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने बताया है कि अगर किसी व्यक्ति का घर टोल प्लाजा के नजदीक 10 किलोमीटर एरिया में आता है तो उसे कैशबैक ऑफर दिया जाएगा। लेकिन ये कैशबैक आपके Fastag में ही डाल दिया जाता है।
NHAI ने जब Fastag की शुरुआत की थी तो इसे बढ़ावा देने के लिए 2.5% कैशबैक का ऑफर दिया था। इसके साथ ही अब कई सारे UPI ऐप भी आपको Fastag रिचार्ज पर कैशबैक का ऑफर देते है।आजकल फास्टैग कार्ड का इस्तेमाल लगभग सभी लोग करते है और ये पहले के मुकाबले काफी आसान भी हो गया है और समय बचाने वाला सिस्टम है।
Fastag को लेकर बनाए गए नियमों के अनुसार अब कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा फास्टैग का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति के नाम दो फास्टैग है तो एक डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा। अब Fastag की KYC भी जरूरी है। बिना KYC फास्टैग काम नहीं करेगा। सरकार की तरफ बताया गया है कि जल्द सैटेलाइट टोल सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा, जिसमें टोल प्लाजा से गुजरते ही अपने आप खाते से पैसे कट जाएंगे।