मालदीव को India से पंगा लेना पड़ा महंगा- चावल-आटा और अंडा के लिए गिड़गिड़ाने लगा..

India Export Maldives : भारत कई अन्य देशों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए जाना जाता है। ऐसे में भारत और मालदीव के रिश्ते भी अच्छे रहे हैं। लेकिन मालदीव में चीन समर्थित सरकार के आने के बाद भारत से अनबन हो गई है। इसका मालदीव पर बड़ा असर पड़ेगा।

दरअसल, भारत और मालदीव (India and Maldives) के बीच व्यापारिक रिश्ते रहे हैं। भारत के इस विरोध का असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत तक है, जबकि विदेशी मुद्रा में पर्यटन का योगदान 60 प्रतिशत है। इसके अलावा भी कई कारणों से नुकसान होगा।

मालदीव जिसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है और भारत उसका सबसे बड़ा उपभोक्ता है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2023 में 209198 भारतीय पर्यटक मालदीव पहुंचे थे।

साल 2022 में भी 240000 भारतीय पर्यटक मालदीव गए। साल 2020 में कोरोना के दौरान भी भारत ने मालदीव के पर्यटन में 11 फीसदी का योगदान दिया। ऐसे में भारतीयों का बहिष्कार मालदीव की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ देगा। पर्यटन कारोबार पर असर का मतलब रोजगार पर असर। मालदीव में कुल रोजगार में पर्यटन का योगदान लगभग 70 प्रतिशत है।

सिर्फ पर्यटन ही नहीं, इन चीजों के लिए भी भारत पर निर्भर

सिर्फ पर्यटन ही नहीं, मालदीव स्क्रैप मेटल, इंजीनियरिंग सामान, फार्मास्यूटिकल्स, रडार उपकरण, रॉक बोल्डर, सीमेंट जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए भारत पर निर्भर है। इतना ही नहीं, मालदीव भोजन के लिए भारत पर निर्भर है। चावल-दाल, मसाले, फल-सब्जियां और पोल्ट्री उत्पादों के लिए मालदीव की निर्भरता भारत पर निर्भर है। मालदीव के पूर्व मंत्री अहमद महलूफ ने भी माना है कि भारत से पंगा लेने से उनकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा।