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कभी आपने सोचा कुंभ के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, जानकर चौंक जाएंगे…

Naga Sadhu Facts : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 महाकुंभ मेला का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक है. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु स्नान के लिए प्रयागराज के महाकुंभ मेले में पहुंच रहे है. माना जाता है कि महाकुंभ में स्नान को विशेष धार्मिक महत्व दिया गया है. इसीलिए महाकुंभ में किए गए स्नान को अमृत स्नान भी कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते है महाकुंभ में जो हजारों नागा साधु मौजूद हैं, वो कुंभ के बाद आखिर कहां चले जाते हैं…..

आपको बता दे की महाकुंभ मेले में रोजाना करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. अबतक 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु ने संगम स्नान किया है. दिन प्रतिदिन स्नानार्थियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. आपको बता दें कि नागा साधु सनातन धर्म के साधक हैं, जिन्हें अखाड़ा के नाम से भी जाना जाता है….

अब मुद्दे की बात पर आते हैं महाकुंभ मेले के बाद आखिर नागा साधु कहां जाते हैं, तो आपको बता दें कि कुंभ के बाद नागा साधु वापस तपस्या के लिए लौट जाते हैं. अमूमन नागा साधु प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों पर निवास करते हैं. इनको सबसे अधिक उप्र-बिहार, झारखंड, हिमाचल, उतराखंड और मप्र, राजस्थान में देखा जाता है….

हालांकि, नागा साधु आपको सड़कों पर कम ही दिखेंगे, क्योंकि ये एकांत जगह में रहना और तप करना पसंद करते हैं. नागा साधु महादेव की तपस्या करते हैं और उनके साधक हैं. सिर्फ कुंभ मेले में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नागा साधु एक साथ आते हैं, यहां पर दीक्षा लेने के बाद वो वापस लौट जाते हैं….

सुमन सौरब

सुमन सौरब thebegusarai.in वेबसाइट में मार्च 2020 से कार्यरत हैं। लगभग 5 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने LNMU से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। अपने करियर में लगभग सभी विषयों (राजनीति, क्राइम, देश- विदेश, शिक्षा, ऑटो, बिजनेस, क्रिकेट, लाइफस्टाइल, मनोरंजन आदि) पर लेखन का अनुभव रखते हैं। thebegusarai.in पर सबसे पहले और सबसे सटीक खबरें प्रकाशित हों और सही तथ्यों के साथ पाठकों तक पहुंचें, इसी उद्देश्य के साथ सतत लेखन जारी है।

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