Saturday, July 27, 2024
Railway News

Indian Railway : बिजली से दौड़ने वाली लोहे की Train में करंट क्यों नहीं लगता? आज जान लीजिए..

Indian Railway Facts : एक समय था जब ट्रेन को कोयले से चला जाता था. उसकी रफ्तार भी कम थी देरी से भी स्टेशन पर पहुंचती थी. लेकिन आज के समय ट्रेन को बिजली से चलाया जा रहा है जो बिजली की करंट की रफ्तार की तरह स्पीड पकड़ रही है.

लेकिन, सोचने वाली बात यह है. की रेलगाड़ी पूरी तरह लोहे की बनी होती है और उसमे बैठे लोगों को करंट क्यों नहीं लगता है. क्या आपने कभी इस बारे में सोचा या फिर सफर के दौरान आपकी मन में कभी यह सवाल आया कि लोहे और पानी में करंट तेजी से फैलता है. लेकिन पूरी ट्रेन ही लोहे की है और ट्रेन को बिजली से चलाया जा रहा है. तो आखिर ऐसा क्यों नहीं हो रहा है तो लिए आपके इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

ये है बड़ी वजह

दरअसल, बिजली से चलने वाले ट्रेन में करंट नहीं पड़ता है. क्योंकि जिस हाई वोल्टेज लाइन से ट्रेन पटरी पर हवा से की तरह रफ्तार पकड़ती है. उसका यात्री कोच से सीधा संपर्क नहीं होता है. क्योंकि ट्रेन को हाई वोल्टेज लाइन से करंट से सप्लाई इंजन के ऊपर लगे एक पेंटोग्राफ से किया जाता है. आपने देखा होगा की ट्रेन के इंजन के ऊपर लगाए पेंटोग्राफ हमेशा हाई वोल्टेज लाइन से जुड़ा रहता है.

इंजन में भी नहीं लगता करंट

वहीं अब आपके बारे में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इंजन में भी तो कारण नहीं आता है और इंटरनेट में बैठे लोको पायलट को करंट क्यों नहीं लगता तो आपको बता दे की इंजन में करंट नहीं लगने के पीछे पेंटोग्राफ के नीचे लगाए जाने वाले इंस्टॉलेशन होता है जो करंट को इंजन की बॉडी में जाने से रोकता है. इसके अलावा ट्रैक्शन ट्रांसफार्मर और मोटर के साथ इलेक्ट्रिकल डिवाइसेज का भी इस्तेमाल किया जाता है. जिसकी वजह से करंट रिटर्न पहियों से होते हुए वापस चला जाता है.

Vivek Yadav

विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. thebegusarai में विवेक बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं. इससे पहले 'एमपी तेजखबर' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. विवेक ऑटो, टेक, बिजनेस, नॉलेज जैसे सेक्शन में लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है। काम के अलावा विवेक को किताबें पढ़ना, लिखना और नई जानकारी जुटना काफी अच्छा लगता है।