Patna Delhi Vande Bharat Sleeper

पटना से दिल्ली का सफर होगा आसान, हफ्ते में 6 दिन चलेगी Vande Bharat स्लीपर ट्रेन, जानें टाइमटेबल

Vande Bharat Patna to Delhi : यदि आप बिहार से दिल्ली ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। दरअसल, बिहार वासियों को नए साल का तोहफा दिया है। वर्तमान में देश के कई राज्यों में वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है। वहीं लोगों को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंतजार था, जो कि अब पूरा होता दिख रहा है।

दरअसल वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने की तैयारी चरम पर है। इसकी शुरुआत पटना से दिल्ली के बीच होगी। इसके परिचालन से बिहार के यात्री कम समय में बेहतर सुविधा के साथ दिल्ली तक पहुंच सकेंगे। इस ट्रेन का परिचालन दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि वंदे भारत ट्रेन ट्रेन पटना से दिल्ली के बीच सप्ताह में 6 दिन चलेगी।

पटना से दिल्ली जाना होगा आसान

इस ट्रेन को इस तरह डिजाइन किया गया है जिससे यात्रियों को प्रीमियम सुविधा मिल सके। बताया जा रहा है कि ट्रेन पटना से शाम के समय चलेगी और सुबह दिल्ली पहुंचेगी। बता दें कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के कोच बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड फैक्ट्री में तैयार किया जा रहे हैं।

इसका निर्माण कार्य प्रगति में है जबकि दो रैक अभी तक तैयार किया जा चुका है। ट्रेन के निर्धारित सभी कोचों के निर्माण के बाद यात्रियों के लिए जल्द ही पटना से दिल्ली तक चलाई जाएगी। इसके बाद देश के अन्य राज्यों के लिए भी परिचालन शुरू करने की कवायत हो रही है।

ट्रेन में 16 कोच

जानकारी के लिए बता दें कि इस अत्याधुनिक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिसमें 827 बर्थ तैयार किए गए हैं। इन कोचों में 11 थर्ड एसी कोच, 4 सेकंड एसी कोच और एक फर्स्ट एसी कोच शामिल है। इस ट्रेन में थर्ड एसी कोच की संख्या अधिक है ताकि हर वर्ग के लोग यात्रा कर सके। ट्रेन की खासियत यह है कि इसके सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। इससे लोग सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा यात्रियों के लिए हर सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा।

ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा

इस ट्रेन को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है। यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। इसका फायदा ऐसे यात्रियों को होगा जो कम समय में गंतव्य तक पहुंचाना चाहते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि ट्रेन में अधिक समय लग जाने की वजह से लोगों के कई जरूरी काम छूट जाते हैं। वहीं यदि यात्रियों की मांग बढ़ी तो ट्रेन में कोचों की संख्या बढ़ाकर 24 तक किया जाएगा।

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