Indian Railways : भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. यह देश के लगभग सभी हिस्सों को एक साथ जोड़ता है. आपने ट्रेन सफर के दौरान रेलवे के पटरियों या रेलवे ट्रैक पर छोटे-छोटे पत्थरों को तो जरूर देखा होगा. लेकिन कभी आपने सोचा है आखिर मेट्रो ट्रैक पर ये पत्थर क्यों नहीं होते है? क्योंकि दोनों ही ट्रैक ट्रेनों के लिए बने होते हैं, फिर भी इतना अंतर क्यों? चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं….
रेलवे ट्रैक पर पत्थर मेट्रो ट्रैक पर क्यों नहीं
आपको बता दें कि ट्रेन का वजन ज्यादा होता है और अगर यह वजन सीधे धरती पर पड़े तो धरती धंस सकती है. पत्थर पटरियों के नीचे एक सतह बनाते हैं, जिससे ट्रेन का वजन समान रूप से वितरित हो जाता है और धरती पर दबाव कम पड़ता है. जबकि, मेट्रो ट्रेनों की तुलना में काफी हल्की होती हैं. इसलिए, मेट्रो ट्रैक पर ज्यादा अधिक वजन नहीं होता है जितना कि रेलवे ट्रैक पर होता है. इस कारण से मेट्रो ट्रैक पर पत्थरों की जरूत नहीं होती है.
दूसरा सवाल यह भी है कि रेल पटरियों को अपनी जगह पर स्थिर रखने में पत्थर मदद करते हैं. जब पटरियों पर ट्रेनें चलती हैं, तो कंपन पैदा होता है. यह कंपन पटरियों को हिला सकता है, जिससे वे अपनी जगह से हट सकती हैं. पत्थर पटरियों को जकड़ कर रखते हैं. जबकि, मेट्रो ट्रैक शहरी क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जहाँ जमीन की उपलब्धता कम होती है. पत्थर बिछाने के लिए एक्स्ट्रा जगह की आवश्यकता होती है….