Indian Railways : भारतीय रेलवे ने यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए बड़ा विस्तार प्लान तैयार किया है। रेल मंत्रालय के अनुसार, अगले पांच वर्षों में देश के प्रमुख शहरों में ट्रेन संचालन क्षमता को दोगुना किया जाएगा। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2030 तक पूरा करना है। खास बात यह है कि इस विस्तार योजना में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई अहम शहरों को प्राथमिकता दी गई है।
बिहार के इन जिलों में चलेगी नई ट्रेनें
रेल मंत्रालय की सूची में बिहार के पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे शहर शामिल हैं, जहां पहले से ही यात्रियों का दबाव अधिक रहता है। क्षमता बढ़ने से इन शहरों में नई ट्रेनों के संचालन का रास्ता साफ होगा और मौजूदा ट्रेनों की समयबद्धता में भी सुधार आएगा। पटना और गया जैसे बड़े शहरों में अतिरिक्त प्लेटफॉर्म और कोचिंग टर्मिनल विकसित किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
झारखंड भी योजना में शामिल
झारखंड के लिए भी यह योजना काफी अहम मानी जा रही है। रांची और टाटानगर को क्षमता वृद्धि वाले शहरों की सूची में शामिल किया गया है। यहां नई रेलवे लाइन, अतिरिक्त प्लेटफॉर्म और शंटिंग सुविधाओं के विकास पर काम किया जाएगा। इससे औद्योगिक, खनन और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े यात्रियों को बेहतर रेल सुविधा मिलने की उम्मीद है।
कोलकाता बनेगा योजना का मुख्य केंद्र
पश्चिम बंगाल में कोलकाता को इस विस्तार योजना का प्रमुख केंद्र बनाया गया है। ईस्टर्न रेलवे, साउथ ईस्टर्न रेलवे और कोलकाता मेट्रो नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। इसके चलते हावड़ा और सियालदह जैसे व्यस्त स्टेशनों पर भीड़ कम होने और ट्रेनों के संचालन में सुधार की संभावना है।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस योजना के तहत नए प्लेटफॉर्म, अतिरिक्त रेलवे लाइन, रेल-ओवर लाइन और आधुनिक शंटिंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी। शहरी इलाकों के आसपास नए कोचिंग टर्मिनल और मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे, जिससे ट्रेनों का रखरखाव और संचालन अधिक सुचारू हो सके।
इसके साथ ही सिग्नलिंग सिस्टम के उन्नयन और मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं पर भी जोर दिया जाएगा। रेलवे का लक्ष्य है कि ट्रेनों की संख्या बढ़ने के बावजूद यात्रियों को समय पर और सुरक्षित यात्रा का लाभ मिल सके।
