Train चलाने के लिए कितने वोल्टेज की जरूरत पड़ती है? AC या DC किसका होता है इस्‍तेमाल…

Electric Train Voltage : भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। ट्रेन से रोजाना लाखों की संख्या में यात्री यात्रा करते हैं ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए डीजल ईंधन पर निर्भरता काम करने के लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। इसके लिए भारतीय रेलवे का विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है।

देश के कई रूट पर ट्रेन (Train ) बिजली से संचालित की जाती है। अब क्या आपने सोचा है कि इतने भारी भरकम ट्रेन को चलाने के लिए कितने वोल्ट बिजली की आवश्यकता पड़ती है यदि नहीं पता तो आइए आज विस्तार से जानते हैं।

बता दें कि बिजली से चलने वाली ट्रेनों को 25 हजार वोल्टेज (25KV) की जरूरत होती है। यह करंट इंजन के ऊपर लगे एक उपकरण पेंटोग्राफ के माध्यम से इंजन तक पहुंचता है। ट्रेनों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के तारों को ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) कहा जाता है।

वहीं, रेलवे को बिजली सीधे पावर ग्रिड से मिलती है, इसलिए इसमें बिजली नहीं है। ग्रिड की आपूर्ति पावर प्लांट से की जाती है, जहां से इसे सबस्टेशनों को भेजा जाता है। सबस्टेशन से सीधी 132 केवी सप्लाई रेलवे को जाती है और यहां से 25 केवी ओएचई को दी जाती है।

AC या DC किस करंट का होता है उपयोग

विद्युतीकरण की शुरुआत में रेलवे डायरेक्ट करंट यानी डीसी इंजन का इस्तेमाल करता था। इसमें उच्च टॉर्क था और यह एक भारी ट्रेन को खींचने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान करने में सक्षम था। इस इंजन में लगे ट्रांसफार्मर में 25 केवी बिजली डाली गई।

फिर रेक्टिफायर की मदद से AC करंट को DC में बदला गया। हालाँकि, आजकल नए प्रकार के इंजन में सीधे एसी इंडक्शन मोटर का उपयोग किया जाता है। ये डीसी मोटर की तुलना में काफी हल्के और मजबूत होते हैं और ट्रेन को शुरुआती टॉर्क प्रदान करने में भी सक्षम होते हैं।

बिजली गुल होने पर भी नहीं रुकती ट्रेन

वैसे, रेलवे को बिजली की सीधी आपूर्ति होती है, इसलिए बिजली कटौती का कोई डर नहीं है। इसके बावजूद अगर 2-4 मिनट के लिए बिजली गुल भी हो जाए तो चलती ट्रेन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और वह अपनी गति से चलती रहेगी। लेकिन, अगर ट्रेन खड़ी है तो उसे बिना बिजली और पूरी ताकत के नहीं चलाया जा सकता।