डेस्क : इस साल एक फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था। फिल्म में इस्तेमाल किए गए डायलॉग्स और किरदारों को लेकर लोग गुस्से में थे। फिल्म का नाम है आदिपुरुष। लोगों का कहना है कि आदिपुरुष में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने के साथ ही किरदार को सही ढंग से पेश नहीं किया गया है।
डायलॉग्स भी निम्न स्तर पर लिखे गए। ट्रेलर लॉन्च होते ही फिल्म विवादों में आ गई। इसके बाद विवाद बढ़ गया और इसकी गाज फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर पर गिरी। इसका खामियाजा लेखक मनोज आज भी भुगत रहे हैं। इस पर उन्होंने एक बार फिर सफाई दी है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है
कहानी लिखने में गलती हो गई
उन्होंने हाल ही में आजतक से बात की और इस बातचीत के दौरान उन्होंने हंगामे पर अपना पक्ष रखा। उनसे पूछा गया कि क्या कहानी लिखने में कोई गलती हुई? तो जवाब में उन्होंने कहा कि हां 100 फीसदी। इसमें कोई शक नहीं है। मैं इतना असुरक्षित व्यक्ति नहीं हूं कि अपने लेखन कौशल का बचाव करता रहूं. यह 100 फीसदी गलती थी। लेकिन जब कोई गलती हुई तो उस गलती के पीछे कोई बुरी मंशा नहीं थी।
इस विवाद का उनके जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा।
इस विवाद का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका असर पड़ता है क्योंकि आप एक इंसान हैं। हर चीज़ से फ़र्क पड़ता है। फिल्म बहुत अच्छे इरादों से बनाई गई थी। अगर हम इस फिल्म में 600 करोड़ रुपये लगा रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि हर कोई चाहता है कि यह बेहतरीन हो. यह फिल्म बनाकर कौन हमारा करियर खत्म करना चाहेगा? जाहिर है इसके पीछे हमारा कोई एजेंडा नहीं था। हालात बद से बदतर होते चले गए।
‘मैं निश्चित रूप से सेकंड चांस का हकदार हूं’
मनोज मुंतशिर ने इस बातचीत में आगे कहा कि मैं भी निश्चित रूप से दूसरे मौके का हकदार हूं। क्या आपको लगता है कि आज दर्शक धर्म को लेकर संवेदनशील हो गए हैं? हमने भी ग़लतियाँ की हैं। हमारा मकसद सही नहीं था, लेकिन समझने वाली बात ये है कि अगर यहां गलती हो गई है.
तो उसकी सारी संभावनाएं खत्म न करें। दूसरा मौका उन लोगों को जरूर मिलना चाहिए जो पहले भी अपनी काबिलियत साबित कर चुके हैं। मेरा मानना है कि मैंने अपने अतीत में बहुत सारे अच्छे काम किए हैं, इसलिए मैं निश्चित रूप से दूसरे मौके का हकदार हूं।