Manjhaul Electricity Crisis : मंझौल अनुमंडल मुख्यालय होने के बावजूद यहां बिजली की परेशानियों से बिजली उपभोक्ताओं को लगातार समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश उपभोक्तओं की एक ही शिकायत होती है कि मंझौल पॉवर सब स्टेशन के दिए गए ऑफिसियल नम्बर पर अधिकांश समय सम्पर्क ही नहीं हो पाता है। अगर फोन कॉल लग भी गया तो ससमय समस्या दूर नहीं हो पाती है। न तो उपभोक्ताओं का कम्प्लेन सही तरीके से रजिस्टर्ड नहीं हो पाता है।
साथ ही कई बार तो उपभोक्ताओं को यह कहकर उनकी शिकायत नहीं लिखी जाती है कि आपने उपभोक्ता नम्बर की जानकारी नहीं दी। मंझौल, पबरा, मेहदा शाहपुर, सिउरी, महिष्वरा सहित कई ऐसे गांव हैं जहाँ ट्रांसफॉर्मर से सप्लाई होने वाला बिजली का पोल और तार महीनों और सालों से टूटा हुआ है। बावजूद बिजली विभाग के कर्मी इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठाते है।
झाड़ी में टूटकर गिरा बिजली प्रवाहित तार दे रहा है खतरा को निमंत्रण
मंझौल अनुमंडल कार्यालय के ठीक सामने से नया टोला संगत जाने वाली सरक के किनारे घने जंगल के बीच विद्युत प्रवाहित तार महीनों से गिरा हुआ है। इससे कई बार लोगों की जान जाते जाते बची है। यह तार न सिर्फ पोल से टूटकर बांस की झाड़ी में गिरा हुआ है। बल्कि आगे तार से जिस उपभोक्ता को बिजली दी जाती है वहां एक सोहजन के पेड़ से इसे बांध दिया गया है। यह काफी खतरनाक है।
मेंटिनेंस कार्य सही से करने की मांग
समाजिक कार्यकर्ता अमित आनंद, एवीवीपी के कन्हैया कुमार, अमृतांशु कुमार और आदर्श भारती सहित कई उपभोक्ताओं ने बताया कि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में लगातार मनमानी की जा रही है। समय से तार का मेंटिनेंस नहीं किया जाता है। जिससे हल्की भी बारिश और हवा में घण्टों घण्टों तक बिजली गम रहती है। बिजली विभाग के नम्बर पर जब कॉल करते हैं तो कोई रिस्पॉन्स भी नहीं मिल पाता है।