क्या आप जानते है ‘राष्ट्रपति शासन’ लगने पर कौन चलाता है सरकार? कैसी होती है कानून व्यवस्था…

डेस्क : देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। आमतौर पर राज्यों की कमान मुख्यमंत्री के हाथ में होती है, लेकिन कई कठिन परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। अब कई बार लोग राष्ट्रपति शासन को लेकर चिंतित रहते हैं कि ऐसे में राज्य की कमान कौन संभालेगा। अगर आपके मन में भी ऐसे कई सवाल हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज हम जानेंगे कि राष्ट्रपति शासन लगने पर राज्य का नियंत्रण किसके हाथ में होता है।

किन स्थितियों में लागू होता है राष्ट्रपति शासन?

सबसे पहले जानते हैं कि किन परिस्थितियों में राष्ट्रपति शासन लागू होता है। तो हम आपको बता दें कि यदि किसी राज्य में राज्यपाल द्वारा निर्धारित समय पर राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री का चुनाव नहीं होता है तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है। इसके अलावा, अगर राज्य में गठबंधन सरकार सत्ता में है.

लेकिन अगर यह गठबंधन विधानसभा में अपना बहुमत खो देता है. या राज्यपाल द्वारा दिए गए समय के भीतर सीएम सदन में बहुमत साबित करने में असमर्थ होता है, तो उस स्थिति में भी राष्ट्रपति की नियम लगाया गया है। इसके अलावा, यदि किसी राज्य की विधानसभा में बहुमत नहीं है और अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है और उसी स्थिति में प्राकृतिक आपदा, महामारी या युद्ध के कारण चुनाव कराना संभव नहीं है, तो राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है।

राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सरकार कौन चलाता है?

जब भी राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो उस राज्य की कमान राज्यपाल के हाथ में आ जाती है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल राज्य के मुख्य सलाहकार और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की सहायता से राज्य का प्रशासन संभालते हैं। इस स्थिति में राष्ट्रपति के पास यह घोषणा करने की शक्ति है कि राज्य विधानसभा की शक्तियां संसद में आ सकती हैं।

यानी राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य के नीतिगत और कानूनी फैसले संसद में लिए जा सकेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति द्वारा विधानसभा को भंग भी किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि संसद के सत्र के दौरान भी उस राज्य से संबंधित सभी नीतिगत और कानूनी निर्णय केवल राष्ट्रपति द्वारा ही लागू किए जा सकते हैं।