Success Story : रहने के लिए घर नहीं..पिता अपाहिज राजमिस्त्री..अब बेटे ज्वाइन करेगा DRDO….
Success Story : अगर किसी को सफलता हासिल करनी है तो गरीबी को बीच में नहीं आना चाहिए। कभी तिरपाल की झोपड़ी में रहने वाले एक लड़के ने सफलता हासिल की है। अब उन्हें DRDO से कॉल आया है। पिता पेशे से राजमिस्त्री हैं। घर में इतने नहीं थे कि पक्का घर बना सकें। लेकिन बेटा अपनी मेहनत से अब सभी का दुख दूर करने जा रहा है।
हम बात कर रहे हैं पंसकुरा के सुदीप मैती की। सुदीप के पिता पेशे से राजमिस्त्री हैं लेकिन लंबे समय से बीमार हैं। परिणामस्वरूप, परिवार चलाने की जिम्मेदारी माँ पर आ जाती है। मां बीड़ी बनाने का काम करती हैं लेकिन उन्होंने गरीबी और संसाधनों की कमी को अपने आड़े नहीं आने दिया। अब इस परिवार के बेटे को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) से फोन आया है। गरीब परिवार के इस प्रतिभावान छात्र की सफलता से उसके रिश्तेदार, पड़ोसी और क्षेत्रवासी बेहद खुश हैं।
सुदीप पांशकुड़ा ब्लॉक के पुरूषोत्तमपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत मोहम्मद मुराद मैती पाड़ा इलाके का निवासी है। सुदीप के बूढ़े पिता गोविंदा मैती पेशे से राजमिस्त्री हैं। उनके घर में तीन बेटे-बेटियां हैं। जिंदगी भर दूसरों के लिए घर बनाने वाले गोविंदा अपने और अपने परिवार के लिए घर नहीं बना सके। दरअसल, राजमिस्त्री के तौर पर की गई अपनी कमाई से वह अपने परिवार के लिए छत बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं बचा पाते थे।
सुदीप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के चक दुर्गा प्राइमरी स्कूल से पूरी की लेकिन सुदीप बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे। उन्होंने पूर्वाचिल्का लालचंद हाई स्कूल से विज्ञान में हायर सेकेंडरी की परीक्षा 70% अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने पॉलिटेक्निक कॉलेज, सियालदह से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया। फिर उन्होंने कोलकाता के एक प्राइवेट कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की। फिलहाल वह आईआईटी गुवाहाटी में एम.टेक की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।