Babri Masjid Controversy

Babri Masjid : बंगाल में ‘क्लोन बाबरी मस्जिद’ का शिलान्यास आज, TMC सांसद रखेंगे नींव

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Babri Masjid Controversy : देश में 6 दिसंबर यानि आज का दिन बेहद यादगार रहता है। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद (Babri Masjid ) विध्वंस की बरसी है। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था। उसके बाद लंबे वक्त के बाद 2024 में उसी जगह राम मंदिर बनने के बाद राम-लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई।

अब एक बार फिर ये दिन और यह तारीख राजनीति और विवाद के केंद्र में है। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में 6 दिसंबर को प्रस्तावित ‘क्लोन बाबरी मस्जिद’ की नींव रखने को लेकर पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। इस पूरे विवाद की शुरुआत 25 नवंबर को हुई जब टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर (TMC MLA HUMAYUN KABIR) ने अचानक घोषणा की कि हम 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव बंगाल में रखेंगे और इसका निर्माण 3 साल में पूरा होगा। इस ऐलान के बाद उनकी तरफ से बैनर पोस्टर भी लगाए गए। जहां बीजेपी इसका पुरजोर विरोध कर रही है वहीं स्थानीय कांग्रेस नेता इसका समर्थन कर रहे हैं।

अदालत नहीं देगी दखल

इस मामले को लेकर बढ़ते बवाल को देखते हुए इसे लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई। हालांकि इस याचिका पर अदालत ने सुनवाई के बाद कार्यक्रम पर रोक लगाने से मना कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा कि शांति बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

टीएमसी के नेता कबीर हर हाल में ही इस कार्यक्रम को आयोजित करने पर डटे हैं। मामले को तूल पकड़ता देख टीएमसी ने मामले से किनारा कर लिया। TMC ने साफ कहा — हुमायूं कबीर की घोषणा से पार्टी का कोई संबंध नहीं। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि कबीर चुनाव टिकट की महत्वाकांक्षा के चक्कर में विवाद खड़ा कर रहे हैं। विवाद बढ़ने पर पार्टी ने नेता को सस्पेंड कर दिया।

नई पार्टी बनाएंगे नेता

टीएमसी से सस्पेंड होने के बाद हुमायूं कबीर ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। कबीर ने साफ तौर पर कहा कि 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी लॉन्च करुंगा और 135 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा।

कबीर ने मीडिया को 8 कट्ठा जमीन दिखाई और कहा कि यहीं शिलान्यास होगा। वहीं न्यूज वेबसाइट NDTV की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वहां पेट्रोल पंप बनने वाला है, मस्जिद नहीं।

अयोध्या में 6 दिसंबर को बाबरी का ढ़ांचा ढहा दिया गया था और विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इतनी संवेदनशील तारीख चुनना राजनीतिक उकसावे का हिस्सा है। हिंदू संगठनों ने इसे उत्तेजक कदम बताया और ‘बंगाल चलो’ का नारा दिया।

राजनीतिक विवाद की मुख्य वजहें

  • बाबरी मस्जिद के नाम पर मस्जिद क्यूं?
  • मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति का आरोप
  • हिंदू और मुस्लिम संगठन होंगे आमने-सामने
  • 1990 का माहौल दोहराने की आशंका

6 दिसंबर को क्या आशंकाएं

  • बेलडांगा ब्लॉक-1 में कथित नई बाबरी मस्जिद का शिलान्यास होगा
  • करीब 2 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद
  • पुलिस की अनुमति नहीं ली गई है
  • हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा

मुर्शिदाबाद में क्लोन बाबरी मस्जिद के शिलान्यास का मुद्दा चुनाव से ठीक पहले उठा है जिससे राजनीति बेहद गर्मा गई है।
6 दिसंबर का दिन महज एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बंगाल की राजनीति, चुनावी समीकरण और सांप्रदायिक संतुलन की सबसे बड़ी परीक्षा बन सकता है।Babri Masjid 

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